Rajasthan University: जयपुर। छात्रसंघ चुनाव को लेकर चल रहे विवाद में राजस्थान विश्वविद्यालय ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए चुनाव कराने का निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ दिया है। 1 सितंबर को हुई सुनवाई में विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया कि चुनाव सरकार की मंशा के अनुसार ही कराए जाएंगे।
गौरतलब है कि पिछली सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू करने का हवाला देकर छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से चुनाव बहाली को लेकर लगातार आंदोलन और विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। छात्र संगठनों ने चुनाव कराने की मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन भी किए। छात्र जय राव की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। आज (1 सितंबर) विश्वविद्यालय की ओर से जवाब पेश किया गया, जिसके बाद अगली सुनवाई बुधवार, 3 सितंबर को तय की गई है।
हाईकोर्ट अगली सुनवाई में ले सकता है बड़ा फैसला
याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष रखते हुए एडवोकेट शांतनु पारीक (Advocate Shantanu Pareek) ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इससे पहले राज्य सरकार ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों (Universities) के कुलपतियों (Vice-Chancellors) की सिफारिशों के आधार पर जवाब पेश किया था। सरकार ने स्पष्ट किया था कि फिलहाल छात्र संघ चुनाव कराने की उसकी मंशा नहीं है। अब अगली सुनवाई में कोर्ट यह तय कर सकता है कि छात्र संघ चुनाव को लेकर आगे की कार्रवाई क्या होगी।
यूनिवर्सिटी ने सरकार के पक्ष में दिया बयान
राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव (Student Union Election) को लेकर जारी विवाद पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बड़ा बयान दिया है। यूनिवर्सिटी ने सरकार के पक्ष में खड़े होते हुए साफ कहा है कि छात्रसंघ चुनाव का नोटिफिकेशन जारी करने का अधिकार राज्य सरकार के पास है। जब राज्य सरकार चुनाव का नोटिफिकेशन जारी करेगी, तभी यूनिवर्सिटी चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकती है। फिलहाल चुनाव कराने का निर्णय सरकार के हाथ में है। छात्रसंघ चुनाव को लेकर छात्रों में लगातार उत्सुकता बनी हुई है, लेकिन यूनिवर्सिटी के इस बयान के बाद स्पष्ट हो गया है कि चुनाव पर अंतिम फैसला सरकार ही लेगी।
Q1. राजस्थान विश्वविद्यालय ने छात्रसंघ चुनाव पर क्या रुख अपनाया है?
विश्वविद्यालय ने हाईकोर्ट में कहा है कि छात्रसंघ चुनाव कराने का निर्णय राज्य सरकार के हाथ में है और नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ही चुनाव होंगे।
Q2. छात्रसंघ चुनाव पर रोक कब लगाई गई थी?
पिछली सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू करने का हवाला देकर छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगा दी थी।
Q3. मामले की अगली सुनवाई कब होगी?
हाईकोर्ट में अगली सुनवाई बुधवार, 3 सितंबर को होगी।
Q4. छात्रों की क्या मांग है?
छात्र संगठन लंबे समय से चुनाव बहाली की मांग को लेकर आंदोलन और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
Q5. क्या विश्वविद्यालय चुनाव कराने के लिए तैयार है?
हां, विश्वविद्यालय ने साफ तौर पर कहा है कि सरकार नोटिफिकेशन जारी करती है तो वह चुनाव कराने के लिए तैयार है।