राजस्थान विधानसभा में सोमवार को डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक, 2025 पर प्रवर समिति की रिपोर्ट पेश की। समिति ने कोचिंग सेंटरों की परिभाषा में बदलाव और उन पर लगाए जाने वाले जुर्माने में कमी करने की सिफारिश की है। इन सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए संशोधित विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया गया।
कोचिंग सेंटरों की नई परिभाषा
प्रवर समिति ने कोचिंग सेंटर की परिभाषा को और स्पष्ट और सरल बनाने का सुझाव दिया है ताकि इसका प्रभाव सभी संस्थानों पर सही तरीके से लागू हो। समिति ने कोचिंग संस्थानों पर लगाए जाने वाले जुर्माने को कम करने का प्रस्ताव दिया है, जिससे छोटे संस्थानों को राहत मिल सके। वहीं विधेयक का मकसद कोचिंग सेंटरों के संचालन को पारदर्शी बनाना और छात्रों के हितों की रक्षा करना है। इन सिफारिशों को शामिल करते हुए संशोधित विधेयक विधानसभा में रखा गया।सरकार का कहना है कि यह कदम छात्रों को बेहतर और सुरक्षित शैक्षिक माहौल देने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।
विधेयक पर चर्चा 3 सितंबर को
राजस्थान विधानसभा में राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक, 2025 पर अब 3 सितंबर को विचार किया जाएगा। विधानसभा के बजट सत्र में यह विधेयक 24 मार्च को प्रवर समिति को सौंपा गया था। इसके बाद 30 मई को 15 सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जिसने चार बैठकों के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया।
आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर जताई चिंता
राजस्थान विधानसभा में सोमवार को राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक, 2025 का संशोधित रूप पेश किया गया। इस विधेयक में कोचिंग विद्यार्थियों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर गंभीर चिंता जताई गई है। साथ ही, केंद्र सरकार द्वारा 16 जनवरी 2024 को जारी गाइडलाइन के आधार पर कोचिंग सेंटरों के पंजीयन के दिशा-निर्देश शामिल किए गए हैं।
1. राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक, 2025 क्या है?
यह विधेयक राज्य में कोचिंग सेंटरों के संचालन को नियंत्रित और पारदर्शी बनाने के लिए बनाया गया है। इसका उद्देश्य छात्रों को सुरक्षित और बेहतर शैक्षणिक माहौल उपलब्ध कराना है।
2. प्रवर समिति की सिफारिशें क्या हैं?
समिति ने कोचिंग सेंटर की परिभाषा को और स्पष्ट बनाने, छोटे संस्थानों को राहत देने के लिए जुर्माने की राशि कम करने और संचालन से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल बनाने की सिफारिश की है।
3. इस विधेयक पर चर्चा कब होगी?
विधानसभा में इस विधेयक पर 3 सितंबर 2025 को विचार किया जाएगा।
4. इसमें आत्महत्या के मामलों का जिक्र क्यों किया गया?
कोचिंग हब कोटा समेत कई शहरों में छात्रों की आत्महत्या के मामलों में वृद्धि चिंता का विषय बनी है। विधेयक में इन घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सहायता और सुरक्षित माहौल देने पर जोर दिया गया है।
5. केंद्र सरकार की गाइडलाइन का इसमें क्या रोल है?
केंद्र सरकार की 16 जनवरी 2024 को जारी गाइडलाइन को इसमें शामिल किया गया है। इन दिशा-निर्देशों के तहत कोचिंग सेंटरों के पंजीयन, संचालन और छात्रों की सुरक्षा के लिए नए नियम लागू किए जाएंगे।