Kota Coaching City: राजस्थान के कोटा शहर में सुरक्षा को देखते हुए धारा 163 लागू कर दी गई है। यह धारा 2 सितंबर की आधी रात से लागू हो गई और 1 नवंबर की सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी। कोटा के जिला कलेक्टर पीयूष समारिया ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएस) के तहत यह आदेश जारी किया।
जिला प्रशासन ने बताया कि सितंबर और अक्टूबर के महीने में शहर में कई धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार मनाए जाएंगे। इनमें ढोल ग्यारस, तेजा दशमी, अनंत चतुर्दशी, दशहरा और दिवाली जैसे त्योहार शामिल हैं। कलेक्टर पीयूष समारिया ने मीडिया को बताया कि इन त्योहारों के दौरान शोभा यात्राएं और जुलूस निकाले जाते हैं। कोटा ज़िला सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील माना जाता है। प्रशासन का उद्देश्य है कि किसी भी असामाजिक तत्व द्वारा शांति व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास न किया जा सके।
शहर में पाबंदियों का ऐलान
राजस्थान के कोटा में सुरक्षा के मद्देनज़र धारा 163 लागू कर दी गई है। यह कानून 1 नवंबर की सुबह 6 बजे तक प्रभावी रहेगा। धारा 163 भारत की नई भारतीय न्याय संहिता (BNS) का हिस्सा है, जिसे 1 जुलाई 2024 से लागू किया गया। इससे पहले इसे भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 144 के रूप में जाना जाता था। धारा 144 के उल्लंघन पर जेल या जुर्माने की सज़ा हो सकती है।
धारा 163 के तहत क्या प्रतिबंध हैं
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बिना अनुमति 4 या उससे अधिक लोगों का इकट्ठा होना प्रतिबंधित है।
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किसी सभा, जुलूस या रैली के आयोजन पर रोक है।
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हथियार, लाठी-डंडे लेकर सड़कों पर घूमना मना है।
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बिना अनुमति लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
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पोस्टर, बैनर या झंडे लगाने की अनुमति भी जरूरी है।
1. धारा 163 क्या है?
धारा 163 भारत की नई भारतीय न्याय संहिता (BNS) का हिस्सा है, जिसे 1 जुलाई 2024 से लागू किया गया। पहले इसे भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 144 के रूप में जाना जाता था। इसका उद्देश्य उपद्रव या अशांति की स्थिति में नियंत्रण बनाए रखना है।
2. धारा 163 कब से कब तक लागू है?
कोटा में यह धारा 2 सितंबर की आधी रात से लागू हुई और 1 नवंबर की सुबह 6 बजे तक प्रभावी रहेगी।
3. धारा 163 के तहत कौन-कौन सी पाबंदियां हैं?
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बिना अनुमति 4 या अधिक लोगों का इकट्ठा होना प्रतिबंधित।
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सभा, जुलूस या रैली आयोजित नहीं की जा सकती।
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हथियार या लाठी-डंडे लेकर सड़कों पर घूमना मना।
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बिना अनुमति लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं।
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पोस्टर, बैनर या झंडे लगाने के लिए अनुमति जरूरी।
4. धारा 163 लागू करने का कारण क्या है?
कोटा ज़िला सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील माना जाता है। सितंबर और अक्टूबर में कई धार्मिक एवं सांस्कृतिक त्योहार मनाए जाएंगे। प्रशासन का उद्देश्य है कि असामाजिक तत्व शांति व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास न करें।
5. धारा 163 का उल्लंघन करने पर क्या सजा है?
धारा 163 के उल्लंघन पर जेल या जुर्माने की सज़ा हो सकती है।