राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। कांग्रेस विधायकों ने झालावाड़ स्कूल हादसे में मृत बच्चों को श्रद्धांजलि न देने के विरोध में काली पट्टी बांधकर सदन में प्रवेश किया। इसके साथ ही विधानसभा परिसर के प्रवेश द्वार पर जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया गया।
विपक्ष ने पंजाब से राजस्थान की नहरों में जहरीले पानी की आपूर्ति का मुद्दा भी सदन में जोरदार तरीके से उठाया। इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए और जवाबदेही की मांग की। उधर, आज सदन में राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक-2025 पर चर्चा और इसके पारित होने की संभावना है। इस विधेयक को लेकर भी विपक्ष और सरकार के बीच तीखी बहस होने के आसार जताए जा रहे हैं।
जवाब दो, इस्तीफ़ा दो#शिक्षा_मंत्री_इस्तीफ़ा_दो
जवाब मांगे जाएंगे, जवाब देने पड़ेंगे!#JawabMangeJayenge #JawabDenePadenge pic.twitter.com/3pZ2kGNR6Z
— Tika Ram Jully (@TikaRamJullyINC) September 3, 2025
शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग
कांग्रेस ने सदन में मृत बच्चों को श्रद्धांजलि न देने पर सरकार को घेरा और आरोप लगाया कि सरकार इस हादसे को गंभीरता से नहीं ले रही। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि बच्चों को श्रद्धांजलि सदन में नहीं दी गई, लेकिन कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस ने हादसे को लेकर शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग की और राज्यभर में जर्जर स्कूलों की हालत पर सवाल उठाए।
कांग्रेस विधायक ने सरकार से मांगा जवाब
कांग्रेस विधायक डूंगरराम गेदर ने पंजाब से राजस्थान की नहरों में आने वाले जहरीले पानी का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। इस पर सदन में बहस हुई और गेदर ने सरकार से इस मामले पर जवाब मांगा। गेदर के कुछ सवालों के जवाब न मिलने पर उन्होंने स्पीकर के फैसले पर सवाल खड़े किए। इस पर सरकारी मुख्य सचेतक ने आपत्ति जताई और कहा कि स्पीकर के फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती। इस मुद्दे पर सदन में तनातनी का माहौल बन गया। आखिरकार स्पीकर ने चर्चा को आगे के लिए टाल दिया।
राजस्थान कोचिंग सेंटरों के लिए नए नियम
राजस्थान विधानसभा में आज राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक-2025 पर बहस और पारित होने की संभावना है। उपमुख्यमंत्री एवं उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा इस विधेयक को सदन में पेश करेंगे। यह विधेयक मार्च में पेश किया गया था, जिसे प्रवर समिति को समीक्षा के लिए भेजा गया था। समिति की सिफारिशों के आधार पर बिल में कई संशोधन किए गए हैं। नए प्रावधानों के अनुसार, अब 100 से अधिक छात्रों वाले कोचिंग सेंटर इस कानून के दायरे में आएंगे। वहीं, जुर्माने की राशि घटाई गई है।
- पहले उल्लंघन पर 50 हजार रुपये
- दूसरी बार उल्लंघन पर 2 लाख रुपये का जुर्माना
- बार-बार उल्लंघन पर कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है। बता दें कि पहले के मसौदे में 2 से 5 लाख रुपये तक के भारी जुर्माने का प्रावधान था।