जयपुर। राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक 2025 पारित कर दिया गया। अब राज्य में कोई भी कोचिंग संस्थान रजिस्ट्रेशन के बिना संचालित नहीं होगा, और कोचिंग के लिए रेगुलेटरी व्यवस्था बनाई जाएगी।
उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने सदन में कहा कि कोचिंग सेंटर बच्चों के सपनों को साकार करने का माध्यम हैं। कोटा आज लाखों छात्रों का शिक्षा केंद्र बन गया है, जहाँ बच्चे सिर्फ किताबें नहीं, बल्कि उम्मीद और आकांक्षाएं लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि कोटा के कोचिंग सेंटर राज्य की अर्थव्यवस्था में भी योगदान देते हैं।
डॉ. बैरवा ने बताया कि पिछले चार वर्षों में राज्य में 88 बच्चों ने आत्महत्याएं की हैं, इसलिए विधेयक का उद्देश्य कोचिंग संस्थानों को भय से नहीं, बल्कि जवाबदेही के साथ काम करने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि प्रवर समिति की चार बैठकें हुईं और शास्ति राशि को कम किया गया। कुल 11 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया, जिनके प्रति आभार व्यक्त किया।
राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक, 2025 के विषय पर विधायी प्रस्ताव…
1.कॉलेज रजिस्ट्रेशन सुधार
•न्यूनतम छात्र संख्या 50 से बढ़ाकर 100 की गई।
•छोटे/अस्थायी कॉलेजों के बजाय गुणवत्तापूर्ण संस्थानों पर फोकस।
2.कॉलेज मान्यता शुल्क में कमी
•पहली बार शुल्क ₹5 लाख… pic.twitter.com/T5B3GDgiAz— Dr Prem Chand Bairwa (@DrPremBairwa) September 3, 2025
उपमुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह बिल कोचिंग सेंटरों के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने कोचिंग संस्थानों के लिए कोई नियम नहीं बनाए थे। यह विधेयक संतुलित है और केवल बच्चों के भविष्य और शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कदम है।