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Friday, September 5, 2025

स्पीकर देवनानी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव? डोटासरा और जूली दिए संकेत

Newsस्पीकर देवनानी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव? डोटासरा और जूली दिए संकेत

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में कोचिंग रेगुलेशन बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक राजेंद्र पारीक द्वारा पार्टी लाइन से हटकर बयान देने पर सियासी हंगामा खड़ा हो गया है। इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी के खिलाफ आगामी बजट सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा कर दी है। डोटासरा ने पारीक के बयान को उनकी व्यक्तिगत राय बताते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बयान के बाद पारीक को पार्टी लाइन से अलग बयान नहीं देना चाहिए था।

16 साल की उम्र सीमा गलत

विधानसभा में कोचिंग रेगुलेशन बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक राजेंद्र पारीक ने कोचिंग संस्थानों का समर्थन करते हुए विवादित बयान दिया। पारीक ने कहा कि बच्चों के कोचिंग में दाखिले के लिए तय की गई 16 साल की उम्र सीमा सही नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में भी 14 साल की उम्र से ही बच्चों को कोचिंग में पढ़ने की अनुमति होनी चाहिए।

कोचिंग संस्थानों के समर्थन में बोले राजेंद्र पारीक

पारीक ने सीकर का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां के कोचिंग संस्थानों ने ग्रामीण और गरीब परिवारों के बच्चों को आईएएस, आईपीएस और आईआईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाई है। उन्होंने माना कि कोचिंग संस्थान प्रतिभाशाली छात्रों के लिए अवसरों के द्वार खोलते हैं और राज्य सरकार को कोचिंग व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। पारीक ने कहा कि उन्होंने सीकर में कोचिंग संस्थानों को बीज से पेड़ बनते देखा है।

ये संस्थान गरीब और ग्रामीण पृष्ठभूमि के बच्चों को अवसर दे रहे हैं, जो दिल्ली या जयपुर जैसे बड़े शहरों में पढ़ाई करने में सक्षम नहीं हैं। पारीक के इस बयान को बीजेपी ने कांग्रेस विधायक दल में मतभेद के तौर पर पेश किया।

बीजेपी नेताओं ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी के भीतर अनुशासनहीनता का उदाहरण है। बता दें कि कांग्रेस विधायक का यह बयान तब आया है जब प्रदेश में कोचिंग संस्थानों के नियमन को लेकर बिल पर बहस हो रही है। इस बयान ने जहां कोचिंग संस्थानों को राहत दी है, वहीं कांग्रेस के अंदरूनी मतभेदों को भी उजागर कर दिया है।

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पारीक के बयान पर डोटासरा और जूली की नाराजगी

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पारीक के बयान को उनकी निजी राय बताते हुए कहा कि 16 साल की उम्र सीमा केंद्र सरकार द्वारा शोध के आधार पर तय की गई है। जूली ने बिल पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कोचिंग संस्थानों को फायदा पहुंचाने वाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिल में बच्चों की आत्महत्या रोकने के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं हैं। साथ ही, जुर्माना कम करने और कोचिंग संस्थानों की छात्र संख्या बढ़ाने जैसे बदलाव कोचिंग मालिकों के हित में हैं।

वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने पारीक के बयान पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने जब पार्टी का पक्ष स्पष्ट कर दिया था, तब पारीक को उससे अलग बोलने की आवश्यकता नहीं थी। डोटासरा ने साफ कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है, लेकिन पार्टी लाइन का पालन करना जरूरी था।

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