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Tuesday, October 7, 2025

राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त, जानें कितने सवाल …और कितने बिल हुए पास

Newsराजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त, जानें कितने सवाल ...और कितने बिल हुए पास

जयपुर। राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार 10 सितंबर 2025 को समाप्त हो गया। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शाम 4:58 बजे सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। 1 सितंबर से शुरू हुए इस सत्र में कुल 6 बैठकें हुईं और 18 घंटे 40 मिनट की कार्यवाही संपन्न हुई। इस दौरान विधायकों ने सवाल पूछे, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और स्थगन प्रस्ताव पेश किए, साथ ही विधायी कार्य भी हुए। सत्र की समाप्ति पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विस्तृत विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त होने के बाद अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने जानकारी दी कि सोलहवीं विधानसभा के पहले तीन सत्रों में रिकॉर्ड स्तर पर सवालों के जवाब मिले हैं। देवनानी ने बताया कि अब तक 91.5% प्रश्नों के उत्तर विधानसभा को प्राप्त हुए, जो एक बड़ी उपलब्धि है। प्रथम सत्र में 2098 में से 2073 प्रश्नों के जवाब मिले। द्वितीय सत्र में 7945 में से 7657 प्रश्नों के उत्तर मिले। तृतीय सत्र में 9701 में से 8351 प्रश्नों के उत्तर समय पर प्राप्त हुए। अध्यक्ष ने कहा कि यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में प्रश्नों के उत्तर समय पर उपलब्ध कराए गए। इसका श्रेय अधिकारियों के साथ लगातार की गई समीक्षा बैठकों को दिया गया।

चौथे सत्र में 3008 सवाल

विधानसभा के चौथे सत्र में कुल 3008 प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें 1237 तारांकित, 1770 अतारांकित और 1 अल्प सूचना प्रश्न शामिल रहे। इनमें से 120 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध किए गए। 53 प्रश्नों पर सदन में मौखिक चर्चा हुई और उनके जवाब भी दिए गए। इसके अलावा 119 अतारांकित प्रश्न सूचीबद्ध किए गए। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि विधानसभा ने प्रश्नकाल को गंभीरता से लिया और जनहित के मुद्दों पर चर्चा को प्राथमिकता दी।

विधानसभा के इतिहास में एक नया रिकॉर्ड

मानसून सत्र के दौरान नियम-131 के तहत 437 ध्यानाकर्षण प्रस्तावों की सूचनाएं प्राप्त हुईं। इनमें से 14 प्रस्ताव स्वीकार किए गए, जबकि 2 प्रस्ताव कार्यसूची में शामिल कर संबंधित मंत्रियों का ध्यान आकर्षित किया गया। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बताया कि पिछले सत्रों में भी ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर सकारात्मक पहल हुई है। प्रथम सत्र में 142 में से 136 प्रस्तावों के जवाब मिले। द्वितीय सत्र में 733 में से 707 प्रस्तावों के जवाब प्राप्त हुए। तृतीय सत्र में 811 में से 732 प्रस्तावों के उत्तर मिले। देवनानी ने कहा कि कुल मिलाकर अब तक 78% ध्यानाकर्षण प्रस्तावों के जवाब उपलब्ध हुए हैं, जो विधानसभा के इतिहास में एक नया रिकॉर्ड है।

615 प्रस्तावों के मिले जवाब

मानसून सत्र में नियम-50 के तहत 134 स्थगन प्रस्तावों की सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 21 प्रस्तावों पर सदन में चर्चा का अवसर दिया गया। इन प्रस्तावों पर 17 विधायकों ने अपने विचार रखे। इसके अलावा नियम-295 के तहत 95 विशेष उल्लेख प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 78 को सदन में पढ़ा गया या पढ़ा हुआ माना गया। वहीं 15 प्रस्ताव विधायकों की अनुपस्थिति के कारण व्यपगत हो गए।

राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में क्या-क्या हुई कार्यवाही, जानें कितने सवाल...और कितने मिले जवाब

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बताया कि पहले तीन सत्रों में विशेष उल्लेख के कुल 651 प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 615 के जवाब उपलब्ध हो चुके हैं। केवल 36 प्रस्तावों के जवाब लंबित हैं, जिनके शीघ्र मिलने की उम्मीद है। देवनानी ने कहा कि यह दर्शाता है कि विधानसभा ने विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों को गंभीरता से लिया और उनके समाधान के लिए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की।

10 विधेयक पारित और 115 संशोधन स्वीकार

विधानसभा के चौथे सत्र में कुल 7 विधेयक प्रस्तुत किए गए, जिनमें प्रवर समिति द्वारा प्रस्तुत 3 विधेयक शामिल थे।
सदन द्वारा कुल 10 विधेयक पारित किए गए, जबकि एक विधेयक को वापस लिया गया। विधायकों ने विधेयकों पर 161 संशोधन प्रस्ताव पेश किए, जिनमें से 46 को सचिवालय स्तर पर अग्राह्य घोषित किया गया और 115 संशोधन स्वीकार किए गए। पिछले सत्र की तुलना में, जहां 12 विधेयक प्रस्तुत किए गए और 10 पारित हुए, इस सत्र में विधायी कार्य की गति बरकरार रही। पिछले सत्र में 3 विधेयक प्रवर समिति को सौंपे गए थे और 210 संशोधन प्रस्तावों में से 171 स्वीकार किए गए थे। यह दर्शाता है कि विधानसभा ने न केवल विधायी कार्यों को समय पर पूरा किया बल्कि विधायकों के सुझावों को भी महत्व दिया।

विधायकों को मिला समान अवसर

सत्र के दौरान विधायकों द्वारा कुल 267 पर्चियां प्राप्त हुईं, जिनमें से लॉटरी के माध्यम से 20 पर्चियों का चयन किया गया। चयनित पर्चियों के आधार पर संबंधित विधायकों को सदन में अपने विचार रखने का अवसर मिला। इस प्रणाली के तहत सभी विधायकों को जनहित के मुद्दों को उठाने का समान अवसर मिलता है। अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बताया कि यह प्रक्रिया सत्र की पारदर्शिता और सक्रियता बढ़ाने में सहायक है।

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