राजस्थान में पीटीआई भर्ती परीक्षा 2022 में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब जांच की गति तेज हो गई है, जिसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने अजमेर समेत सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को जांच के आदेश जारी किए हैं. इसके तहत भर्ती से जुड़े सभी अभ्यर्थियों का रिकॉर्ड 15 सितंबर तक विभाग को उपलब्ध कराने को कहा गया है. इनमें 2017 से 2021 तक भर्ती में चयनित कुल 204 अभ्यर्थियों की सूची, चयन प्रक्रिया, सत्यापन दस्तावेज और नियुक्ति विवरण शामिल होंगे. इसके साथ ही अजमेर जिले से रिकॉर्ड जुटाने की कवायद भी शुरू हो गई है.
एसओजी जांच में 165 अभ्यर्थियों के फर्जीवाड़े का खुलासा
स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) की जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। कुल 165 अभ्यर्थियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। जांच में सामने आया कि ये सभी अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश के जेएस विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई फर्जी डिग्रियों के आधार पर सरकारी नौकरी में शामिल हो गए थे।
चौंकाने वाली बात यह रही कि विश्वविद्यालय को वर्ष 2017 से केवल दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम के लिए 100 सीटें मान्यता प्राप्त थीं। इसके बावजूद, अभ्यर्थियों ने विभिन्न सत्रों की फर्जी डिग्रियां जमा करवाई। एसओजी की जांच में सत्र 2017-19, 2018-20, 2019-21 और 2020-22 में केवल एक ही अभ्यर्थी की मार्कशीट को वैध पाया गया। बाकी सभी ने भर्ती के समय फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए या बाद में डिग्री छपवाई। यह मामला शिक्षा व्यवस्था में बड़े पैमाने पर घोटाले की तरफ इशारा करता है।
फर्जी डिग्री घोटाले में 14 अभ्यर्थी शामिल
एसओजी ने अपनी कार्रवाई में बताया कि इस घोटाले का खुलासा यूनिवर्सिटी के सर्वर एक्सेस से प्राप्त बैकअप डेटा की मदद से हुआ। जांच में यह भी उजागर हुआ कि सांचौर और जालौर के 14 अभ्यर्थी भी फर्जीवाड़े में शामिल थे। शिक्षा विभाग का कहना है कि जिलों से एकत्रित किए जा रहे रिकॉर्ड के आधार पर जल्द ही दोषियों की पहचान कर उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके साथ ही विभाग ने कड़ा रुख अपनाने और सख्त कार्रवाई करने का संकल्प भी जताया है।
इसी के बाद अजमेर समेत पूरे प्रदेश में जिला शिक्षा अधिकारी अब भर्ती से जुड़े दस्तावेज़ खंगाल रहे हैं, ताकि स्पष्ट हो सके कि किन-किन अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्रियों के सहारे नौकरी हासिल की. इस कार्रवाई के बाद पीटीआई भर्ती घोटाले की परतें तेजी से खुलने लगी हैं और शिक्षा विभाग पर पारदर्शिता बनाए रखने का दबाव और बढ़ गया है.
यह भी पढ़ें- राजस्थान में 222 RASअफसरों के तबादले कई विभागों मैं बदलाव