Hanuman Beniwal: जयपुर। राजस्थान के नागौर से सांसद और RLP नेता हनुमान बेनीवाल को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके जयपुर के जालूपुरा स्थित सरकारी आवास (B7) और ज्योतिनगर के विधायक फ्लैट को खाली करने के नोटिस पर रोक लगा दी है। जज समीर जैन ने यह स्टे ऑर्डर जारी किया। कोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव और संपदा अधिकारी से जवाब भी तलब किया है कि राजस्थान में कितने विधायक, पूर्व विधायक, मंत्री, पूर्व मंत्री और अन्य नेता सरकारी आवासों का लाभ ले रहे हैं।
हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया
राजस्थान हाईकोर्ट के जज समीर जैन ने नागौर से सांसद और RLP नेता हनुमान बेनीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके सरकारी आवास खाली करने के नोटिस पर स्टे दिया। कोर्ट ने मुख्य सचिव और संपदा अधिकारी से सवाल किया कि राजस्थान में कितने विधायक, पूर्व विधायक, मंत्री, पूर्व मंत्री और अन्य नेता सरकारी आवास और सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। यह मामला सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग और नियमों के पालन से जुड़ा है। कोर्ट ने सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है, जिसके बाद आगे की सुनवाई होगी।
नारायण और पुखराज की पेंशन रोकी
हनुमान बेनीवाल के सरकारी आवास विवाद के मामले में कोर्ट ने उन्हें राहत दी है, लेकिन सरकार ने इस दौरान पुखराज गर्ग और नारायण बेनीवाल पर कार्रवाई की है। दोनों पूर्व विधायकों की विधायक पेंशन नियम तोड़ने के आरोप में रोक दी गई है। हालांकि, हनुमान बेनीवाल सांसद के रूप में वेतन और अन्य सुविधाएं प्राप्त कर रहे हैं, इसलिए उनकी स्थिति पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ा है।
क्या है पूरा मामला जानें
राजस्थान में हनुमान बेनीवाल पर जयपुर के ज्योतिनगर में विधायक फ्लैट और जालूपुरा में विधायक बंगले पर कब्जा रखने का आरोप है। राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2025 को बेनीवाल को पहला नोटिस जारी कर इन आवासों को खाली करने का निर्देश दिया था। इसके बाद चार और नोटिस भेजे गए, लेकिन बेनीवाल ने आवास खाली नहीं किया। सांसद बेनीवाल ने सभी नोटिसों को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी। उनकी याचिका में दावा किया गया कि संपदा विभाग नियमों का पालन किए बिना जल्दबाजी में कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने नोटिस को अनुचित और अपमानजनक करार देते हुए इसे रद्द करने की मांग की।