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Thursday, October 9, 2025

Naresh Meena: जयपुर में मौन व्रत शुरू, समर्थकों पर क्यों उठाया हाथ? नरेश मीणा ने बता दी सच्चाई

NewsNaresh Meena: जयपुर में मौन व्रत शुरू, समर्थकों पर क्यों उठाया हाथ? नरेश मीणा ने बता दी सच्चाई

राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल हादसे में मारे गए बच्चों के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर नरेश मीणा का मौन व्रत जारी है। मंगलवार से शुरू किए गए इस अनशन में मृतक बच्चों के परिजन भी शामिल हैं और उन्होंने कहा कि न्याय मिलने तक वे व्रत नहीं तोड़ेंगे।

नरेश मीणा ने बताया कि सरकार की ओर से अभी तक किसी तरह की वार्ता का न्यौता नहीं मिला है, जिससे स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही। वे चाहते हैं कि सरकार बातचीत करे ताकि पीड़ित परिवारों को न्याय और मुआवज़ा मिल सके। नरेश मीणा ने यह भी आरोप लगाया कि उनके समर्थकों को आंदोलन स्थल तक आने से रोका जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन को खत्म करना चाहती है, लेकिन वे पीछे नहीं हटेंगे। नरेश मीणा ने साफ किया कि उनकी भगत सिंह सेना किसी राजनीतिक मकसद से काम नहीं कर रही और इसके तहत कोई चुनाव नहीं लड़ा जाएगा; यह केवल सामाजिक मुद्दों को उठाने का मंच है।

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हनुमान बेनीवाल का समर्थन मिला

नरेश मीणा ने बताया कि इस आंदोलन में अब तक केवल हनुमान बेनीवाल ने उनका समर्थन किया है, किसी अन्य दल या नेता का साथ नहीं मिला है। उनके पुराने साथी प्रहलाद गुंजल भी उनसे नहीं जुड़े हैं। समर्थकों पर अनुशासनहीनता के सवाल पर नरेश मीणा ने कहा कि उन्हें खुद दुख होता है, लेकिन संदेश देने के लिए कभी-कभी डांटना, फटकारना या हाथ उठाना ज़रूरी हो जाता है। उन्होंने माना कि ऐसा करने से उन्हें भी बुरा लगता है, लेकिन अनुशासन बनाए रखना बेहद जरूरी है।

  1. नरेश मीणा का मौन व्रत क्यों शुरू हुआ?
    नरेश मीणा ने राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल हादसे में मारे गए बच्चों के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिलाने की मांग के लिए मौन व्रत शुरू किया है।

  2. सरकार ने अभी तक वार्ता क्यों नहीं की?
    नरेश मीणा के अनुसार, सरकार की ओर से अभी तक किसी तरह का वार्ता न्यौता नहीं मिला है, जिससे स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही।

  3. क्या अन्य नेता या दल आंदोलन में शामिल हुए?
    अब तक केवल हनुमान बेनीवाल ने उनका समर्थन किया है। अन्य नेता या दल इस आंदोलन में शामिल नहीं हुए हैं, और पुराने साथी प्रहलाद गुंजल भी नहीं जुड़े हैं।

  4. समर्थकों पर नरेश मीणा ने हाथ क्यों उठाया?
    अनुशासनहीनता रोकने और संदेश देने के लिए कभी-कभी डांटना, फटकारना या हाथ उठाना ज़रूरी होता है। नरेश मीणा ने माना कि ऐसा करने से उन्हें खुद भी दुख होता है।

  5. भगत सिंह सेना का मकसद क्या है?
    नरेश मीणा ने स्पष्ट किया कि भगत सिंह सेना किसी राजनीतिक उद्देश्य से काम नहीं कर रही और इसके तहत कोई चुनाव नहीं लड़ा जाएगा; यह केवल सामाजिक मुद्दों को उठाने का मंच है।

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