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Wednesday, October 8, 2025

झंडा विवाद: “मोती महल पर ऐतिहासिक ध्वज फिर से फहराया जाएगा” विश्वेंद्र सिंह ने कर दिया बड़ा ऐलान

Newsझंडा विवाद: "मोती महल पर ऐतिहासिक ध्वज फिर से फहराया जाएगा" विश्वेंद्र सिंह ने कर दिया बड़ा ऐलान

भरतपुर के मोती महल झंडा विवाद में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार देर रात गेट तोड़े जाने की घटना के बाद सिनसिनी गांव में पंचायत आयोजित हुई। पंचायत में समाज के लोगों ने साफ कहा कि मोती महल पर भरतपुर रियासत का ऐतिहासिक ध्वज दोबारा फहराया जाना चाहिए। पंचायत ने मनुदेव सिनसिनी का समर्थन करते हुए संघर्ष जारी रखने का ऐलान भी किया। इसी बीच, पूर्व कैबिनेट मंत्री और भरतपुर के पूर्व राजपरिवार सदस्य विश्वेंद्र सिंह ने भी पंचायत की मांग का समर्थन किया। फोन पर बातचीत में उन्होंने कहा कि आने वाली बसंत पंचमी को वे स्वयं मोती महल जाएंगे और ऐतिहासिक ध्वज फिर से फहराया जाएगा। पंचायत के इस फैसले और पूर्व मंत्री के समर्थन के बाद माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह विवाद और तेज़ हो सकता है।

बसंत पंचमी पर ध्वज फहराने का किया ऐलान

पंचायत में मौजूद लोगों ने फोन कॉल पर पूर्व कैबिनेट मंत्री और पूर्व राजपरिवार सदस्य विश्वेंद्र सिंह से बातचीत की।  पंचायत में कॉल को स्पीकर पर सुनाया गया, जहां समाज के लोगों ने विश्वेंद्र सिंह से पूछा कि वे मोती महल कब जाएंगे। इस पर विश्वेंद्र सिंह ने जवाब दिया— “मैं बसंत पंचमी को महल जाऊंगा। मोती महल पर ऐतिहासिक ध्वज फिर से फहराया जाएगा। मैं अपने परिवार के साथ नहीं हूं, जनता का था और जनता का ही हूं।” पंचायत ने पहले ही मनुदेव सिनसिनी का समर्थन करते हुए संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया था। अब विश्वेंद्र सिंह के समर्थन से यह विवाद और भी गहराता दिखाई दे रहा है।

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रियासत का ध्वज लगाने पर दिया जोर

उन्होंने स्पष्ट किया कि मोती महल पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा पहले से लहरा रहा था। ऐसे में उसके नीचे ऐतिहासिक ध्वज नहीं लगाया जा सकता था, क्योंकि उस ध्वज पर हनुमान जी अंकित हैं। विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि नियमों के अनुसार एक ही पोल पर दो झंडे लगाना संभव नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि मोती महल पर भरतपुर रियासत का ऐतिहासिक ध्वज जरूर लगेगा।

कहा– पुरखों के सम्मान के लिए कुछ गलत नहीं किया

भरतपुर के मोती महल झंडा विवाद में गेट तोड़े जाने की घटना को लेकर अब मनुदेव सिनसिनी ने कहा कि, “मैंने कुछ गलत नहीं किया। अगर पुरखों के सम्मान के लिए यह कदम उठाना पड़े तो मैं इसे बार-बार करूंगा। तिरंगे का हम भी उतना ही सम्मान करते हैं। मैं खुद फौजी हूं और फौजी के लिए तिरंगे से बड़ा कोई सम्मान नहीं हो सकता। लेकिन ऐतिहासिक ध्वज हमारे बुजुर्गों के खून और कुर्बानी का प्रतीक है।”

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पंचायत ने दी आंदोलन की चेतावनी

इस दौरान मनुदेव सिनसिनी ने अनिरुद्ध सिंह पर गंभीर आरोप लगाए। मनुदेव ने कहा— “अनिरुद्ध समाज और बुजुर्गों का अपमान करते हैं। उन्होंने चालाकी से तिरंगा लगाकर खुद को छिपा लिया। तिरंगे का सम्मान सबको है, लेकिन समाज के सम्मान और स्वाभिमान पर चोट की जाएगी तो हजारों मनुदेव खड़े होंगे। हममें महाराजा सूरजमल का खून है।” पंचायत में स्थानीय व्यक्ति दौलत सिंह फौजदार ने समाज का निर्णय सुनाते हुए कहा कि जब तक मोती महल पर ऐतिहासिक ध्वज नहीं फहराया जाएगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने मनुदेव सिनसिनी के खिलाफ कोई कार्रवाई की तो समाज चुप नहीं बैठेगा और आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।

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