मध्य प्रदेश में शारदीय नवरात्रि के दौरान होने वाली गरबा नाइट को लेकर विवाद गरमाया है। छतरपुर के लवकुशनगर में बाबा बागेश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बयान देते हुए कहा कि गैर-हिंदुओं की नो एंट्री की मांग जायज है। बाबा धीरेंद्र ने कहा— “जब हम मुस्लिमों की हज यात्रा में नहीं जाते हैं, तो उन्हें भी हमारे मां दुर्गा की आराधना करने के लिए गरबा फेस्टिवल में नहीं आना चाहिए।” इस बयान के बाद सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर बहस तेज़ हो गई है।
उन्होंने गरबा संचालकों से कहा कि गरबा फेस्टिवल में एंट्री गेट पर गौमूत्र रखा जाए, ताकि गैर-हिंदुओं की एंट्री रोकी जा सके। बाबा के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
गैर-हिंदू लोग गरबा नाइट में भाग ले सकते हैं
मध्य प्रदेश में नवरात्रि उत्सव और गरबा नाइट को लेकर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गैर-हिंदू लोग गरबा नाइट में भाग ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें सनातन धर्म अपनाना होगा। विधायक ने विस्तार से बताया कि गरबा में शामिल होने के लिए कलावा बांधना, माथे पर तिलक लगाना और आरती में शामिल होना जैसे हिंदू रीति-रिवाजों का पालन जरूरी होगा। रामेश्वर शर्मा ने कहा कि यदि कोई मुस्लिम या ईसाई धर्म के व्यक्ति हिंदू देवियों की पूजा करना चाहता है, तो वह गंगाजल पीकर और तुलसी पत्ता खाकर हिंदू धर्म अपना सकता है।
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— Khushbu Goyal (@kgoyal466) September 22, 2025
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिनके माता-पिता हिंदू धर्म छोड़ चुके हैं और वे वापस हिंदू धर्म में लौटना चाहते हैं, वे भी ऐसा कर सकते हैं। हालांकि, विधायक ने चेतावनी दी कि अगर कोई गैर-हिंदू धोखे से गरबा नाइट में घुसने की कोशिश करता है, तो उसे कानूनी और सामाजिक अंजाम भुगतना पड़ेगा।
गरबा पंडालों में मुस्लिमों की एंट्री पर विवाद
मध्य प्रदेश में नवरात्रि के दिनों में गरबा पंडालों को लेकर विवाद तेज़ हो गया है। इस बार कई जगहों पर मुस्लिमों की एंट्री पर बहस और आलोचना देखने को मिली। भोपाल के सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि कुछ लोग हिंदू महिलाओं को लुभाने के लिए ढोंग करते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे लोग कलावा बांधकर, तिलक लगाकर स्वांग रचते हैं और गरबा नाइट प्रोग्राम में घुस जाते हैं।
सांसद ने यह भी जोर दिया कि नवरात्रि हिंदुओं का प्रमुख उत्सव है और यह सनातन धर्म के अनुयायियों की आस्था का प्रतीक है। इस मामले में विश्व हिंदू परिषद समेत कई हिंदूवादी संगठनों ने भी गैर-हिंदुओं की मौजूदगी का विरोध किया। उनका कहना है कि यह कदम ‘लव जिहाद’ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी है।
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