भीलवाड़ा में सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लेकर बयान दिया। गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री को भगवान ने मौका दिया है, जमकर राज करो और काम करो। दबंगता से राज करे। पूर्व सीएम ने स्पष्ट किया कि वह सीएम के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उनका मकसद केवल सीख देना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को मेरे वीडियो पेन ड्राइव में मौजूद रिकॉर्डिंग्स लेपटॉप पर सुनकर सीखना चाहिए। गहलोत ने यह भी जोड़ा कि विपक्ष को भी सीखने और सुनने की जरूरत है।
गहलोत ने जीएसटी और कन्हैया लाल केस पर उठाए सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की वर्तमान स्थिति को लेकर गंभीर बयान दिया। उन्होंने कहा कि जीएसटी के अलग-अलग स्लैब के कारण हालात बिगड़ गए हैं। गहलोत ने बताया— “कोई जेल जा रहा है, कोई धमकी दे रहा है, कोई सौदेबाजी हो रही है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपियों को न्याय कब मिलेगा। गहलोत ने यह भी कहा कि कांग्रेस के वोट चोरी के सवाल पर इलेक्शन कमीशन की बजाय भाजपा जवाब देती है, और यह अच्छे हालात नहीं हैं। पूर्व सीएम ने निष्कर्ष निकाला कि राजस्थान में स्थिति खराब है और इसे सुधारने की तत्काल जरूरत है।
भजनलाल शर्मा को दी सलाह
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पंडित भजनलाल शर्मा को लेकर बयान दिया और स्पष्ट किया कि उनके बयान का मतलब भजनलाल शर्मा के खिलाफ होना नहीं है। गहलोत ने कहा कि अब भजनलाल शर्मा को डेढ़-दो साल हो गए हैं, और उन्होंने उन्हें पहली बार सीएम बनने पर पूरे कॉन्फिडेंस के साथ काम करने की सलाह दी। उन्होंने आगे बताया कि जब वह पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तो लोग उन्हें केवल चार-छह महीने का मेहमान समझ रहे थे, लेकिन उन्हें मेहमान बने 15 साल हो गए। गहलोत ने कहा कि उन्हें 36 क़ौम से आशीर्वाद मिला और माली समाज से वे इकलौते विधायक थे। उन्होंने आगे कहा कि- “भगवान की कृपा से आपको मौका मिला है, इसे पूरी मेहनत और ईमानदारी से इस्तेमाल करें।”
वसुंधरा राजे का अनुभव याद आया
गहलोत ने प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार का इकबाल समाप्त हो चुका है। गहलोत ने आगे कहा कि अगर वसुंधरा राजे अभी प्रदेश की मुख्यमंत्री होतीं तो उनके अनुभव का लाभ मिलता। उन्होंने यह भी जोड़ा कि राजे को दो बार कम रहने का अनुभव था, ऐसे में विपक्षी दलों के लिए उन पर अटैक करना मजेदार होता।