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Wednesday, October 8, 2025

टोंक में तेज रफ्तार बस पलटी, ग्रामीणों की बहादुरी से यात्रियों की जान बची

Newsटोंक में तेज रफ्तार बस पलटी, ग्रामीणों की बहादुरी से यात्रियों की जान बची

टोंक बस हादसा: टोंक जिले से गुजरने वाले नेशनल हाईवे 148D पर मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। तारण गांव के पास यात्रियों से भरी राजस्थान रोडवेज की एक बस पलट गई, जिसमें करीब एक दर्जन से ज्यादा यात्री घायल हो गए। हादसे के बाद मौके पर अफरातफरी मच गई और यात्रियों में चीख-पुकार सुनाई दी। हालांकि, आसपास के ग्रामीण समय पर पहुंचकर घायलों को बस से बाहर निकालकर अस्पताल ले गए, जिससे उनकी जान बचाई जा सकी।

यह बस सवाई माधोपुर से टोंक की ओर आ रही थी। बताया जा रहा है कि बस की रफ्तार काफी तेज थी और इसी दौरान ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया। बस एक गहरे गड्ढे में गिर गई और पलट गई। जिस तरह से बस पलटी, धमाके की आवाज दूर तक सुनाई दी, जिसके बाद तारण गांव के लोग तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़े और घायलों की मदद के लिए पहुंचे। इस हादसे को स्थानीय मीडिया और अधिकारियों ने टोंक बस हादसा के रूप में दर्ज किया है।

तुरंत गांव वालों ने दिखाई बहादुरी

बस पलटते ही तारण गांव के लोग मदद के लिए दौड़े। उन्होंने बिना देर किए बस में फंसे यात्रियों को बाहर निकालना शुरू किया। टोंक बस हादसा में कुछ लोग खिड़कियों से घुसे, तो कुछ ने दरवाजा खोलकर लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन मदद समय पर नहीं पहुंची।

ग्रामीणों ने घायलों को पहुंचाया अस्पताल

इस दौरान ग्रामीणों ने सूझबूझ दिखाते हुए अपने वाहनों से घायल यात्रियों को पास के अस्पताल पहुंचाना शुरू कर दिया। बताया जाता है कि टोंक बस हादसा में एंबुलेंस आने में काफी समय लगा, जिसके कारण घायलों को तुरंत इलाज नहीं मिल पाया। ग्रामीणों की त्वरित कार्रवाई से गंभीर रूप से घायल कुछ यात्रियों की जान बच सकी। वहीं, प्रशासन के इस ढीले रवैये को लेकर ग्रामीण गहरी नाराजगी भी जताते दिखे। उनका कहना था कि हाईवे पर इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम को पहुंचने में इतना समय क्यों लगा।

घायलों की स्थिति स्थिर

हादसे में घायल यात्रियों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। कुछ यात्रियों को हल्की-फुल्की चोटें आई हैं, जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल हैं, जैसे फ्रैक्चर और सिर में चोट। टोंक बस हादसा के सभी घायलों को इलाज के लिए टोंक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि सभी की हालत स्थिर है और उनका इलाज जारी है।

ड्राइवर लापरवाही और गड्ढे कारण

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बस ड्राइवर की लापरवाही और हाईवे पर मौजूद गड्ढे दोनों ही टोंक बस हादसा की वजह हो सकते हैं। पुलिस अब यह भी देखेगी कि ड्राइवर नशे में तो नहीं था या ओवरटेक के दौरान उसने नियंत्रण खोया। हाईवे पर गड्ढों की स्थिति की भी जांच की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसे हादसे रोके जा सकें।

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