26.1 C
Jaipur
Tuesday, October 7, 2025

बांसवाड़ा बनेगा देश का ऊर्जा हब: 2,800 मेगावाट का विशाल परमाणु बिजलीघर

Newsबांसवाड़ा बनेगा देश का ऊर्जा हब: 2,800 मेगावाट का विशाल परमाणु बिजलीघर

बांसवाड़ा में जल्द ही देश की सबसे बड़ी ऊर्जा परियोजनाओं में से एक की नींव रखी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां 2,800 मेगावाट क्षमता वाले परमाणु बिजलीघर का शिलान्यास करेंगे। यह संयंत्र न सिर्फ राजस्थान, बल्कि पूरे देश की ऊर्जा जरूरतों को नई दिशा देगा। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2031 तक परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 22,480 मेगावाट तक पहुँचाया जाए। बांसवाड़ा की यह परियोजना उस लक्ष्य की ओर बढ़ता हुआ अहम कदम मानी जा रही है।

बांसवाड़ा को मिलेगा परमाणु तोहफ़ा

देश में परमाणु ऊर्जा के विस्तार की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। इसी कड़ी में अब राजस्थान को एक और बड़ा तोहफ़ा मिलने जा रहा है। रावतभाटा के बाद बांसवाड़ा में राज्य का दूसरा परमाणु बिजलीघर स्थापित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इस परियोजना की आधारशिला रखेंगे। फिलहाल देश में सात परमाणु संयंत्रों के तहत 22 रिएक्टर संचालित हो रहे हैं। बांसवाड़ा की यह परियोजना आने वाले वर्षों में देश की ऊर्जा क्षमता को नई मजबूती देने वाली मानी जा रही है।

भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता लगातार बढ़ रही है। मौजूदा समय में देश के सात परमाणु बिजलीघरों में 22 रिएक्टर काम कर रहे हैं, जिनकी कुल क्षमता 6,780 मेगावाट है। राजस्थान का रावतभाटा संयंत्र पहले से ही देश के सबसे बड़े स्टेशनों में शुमार है। अब इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए बांसवाड़ा में नया परमाणु बिजलीघर लगाया जाएगा। यहां 700-700 मेगावाट की चार इकाइयाँ लगेंगी, जिनकी कुल क्षमता 2,800 मेगावाट होगी। यह परियोजना भारत के उस लक्ष्य को मजबूती देगी, जिसके तहत वर्ष 2031 तक परमाणु ऊर्जा उत्पादन को 22,480 मेगावाट तक पहुँचाना तय किया गया है।

Second nuclear plant coming up in Banswara to boost Rajasthan's energy capacity

स्वच्छ ऊर्जा का नया आधार

बांसवाड़ा में प्रस्तावित यह परमाणु बिजलीघर सिर्फ बिजली उत्पादन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा का एक मजबूत स्रोत साबित होगा। इसके शुरू होने से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और जलवायु परिवर्तन से निपटने की वैश्विक मुहिम को भारत और मजबूती मिलेगी। यह परियोजना देश की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में भी सहायक होगी। ऊर्जा सुरक्षा के साथ-साथ यह रोजगार का भी बड़ा जरिया बनेगी। अनुमान है कि निर्माण और संचालन के दौरान लगभग पाँच हजार लोगों को प्रत्यक्ष और करीब बीस हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से काम मिलेगा।

आदिवासी बहुल बांसवाड़ा क्षेत्र में प्रस्तावित यह परमाणु बिजलीघर स्थानीय युवाओं के लिए नए अवसरों के दरवाजे खोलेगा। परियोजना के साथ ही सड़कों, परिवहन और अन्य आधारभूत ढांचे का विकास होगा, जिससे इलाके की आर्थिक गतिविधियां तेज़ होंगी और जीवन स्तर में सुधार आएगा। 2,800 मेगावाट क्षमता वाला यह संयंत्र न सिर्फ राजस्थान की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई मजबूती देगा।

बांसवाड़ा बनेगा ऊर्जा केंद्र

विश्व स्तर पर परमाणु ऊर्जा उत्पादन में अमेरिका (93 रिएक्टर) और फ्रांस (56 रिएक्टर) जैसे देश अग्रणी हैं। भारत भी अब इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। बांसवाड़ा में प्रस्तावित परमाणु बिजलीघर इसी दिशा में उठाया गया अहम कदम माना जा रहा है। वर्ष 2036 तक इसके पूरी तरह चालू होने की उम्मीद है। इसके साथ ही बांसवाड़ा सिर्फ राजस्थान का एक ज़िला भर नहीं रहेगा, बल्कि देश के ऊर्जा मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में पहचाना जाएगा।

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles