बाड़मेर में कांग्रेस के पूर्व विधायक मेवाराम जैन की वापसी से ठीक पहले शहर का सियासी तापमान तेज़ हो गया है। जैन के विरोध में आपत्तिजनक होर्डिंग और पोस्टर शहरभर में लगाए गए हैं, जो अब चर्चा का विषय बन चुके हैं। पोस्टरों में अश्लील टिप्पणी और पुराने आरोपों की याद दिलाई गई है, जिससे माहौल गरमा गया है। नगर परिषद की टीमें अब इन विवादित पोस्टर्स को हटाने में जुटी हुई हैं। वहीं, कांग्रेस जिला अध्यक्ष गफूर अहमद ने पोस्टरों की जानकारी से इनकार करते हुए कहा कि पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
उधर, मेवाराम जैन ने पोस्टर्स को लेकर कहा कि उन्हें कोर्ट से क्लीन चिट मिल चुकी है और यह सब राजनीतिक विरोधियों की साजिश है। जैन शनिवार को जयपुर से बाड़मेर पहुंचने वाले हैं, जहां उनके समर्थक भव्य स्वागत की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
गौरतलब है कि दिसंबर 2023 में जैन के खिलाफ पॉक्सो सहित विभिन्न धाराओं में जोधपुर में मामला दर्ज हुआ था और एक कथित अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। पार्टी के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने 6 जनवरी 2024 को उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया था। हालांकि, इसके बाद मेवाराम जैन ने पार्टी में वापसी के लिए शीर्ष नेतृत्व से लगातार संपर्क बनाए रखा। अंततः 25 सितंबर 2025 को कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने उन्हें वापस पार्टी में शामिल कर लिया।
मेवाराम जैन तीन बार बाड़मेर से विधायक रह चुके हैं और 2023 का विधानसभा चुनाव भी कांग्रेस की टिकट पर लड़ा था, जिसमें उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. प्रियंका चौधरी ने हराया था। जैन को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का करीबी माना जाता है और उनकी वापसी में गहलोत की भूमिका को अहम बताया जा रहा है। अब देखना ये है कि जैन की वापसी से बाड़मेर कांग्रेस एकजुट होती है या अंदरूनी कलह और तेज़ होती है।