लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की जेल में बंदगी के विरोध में शनिवार सुबह जोधपुर में प्रदर्शन हुआ। सुजानगढ़ के 50 वर्षीय विजयपाल जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर ‘भारत माता की जय’ और ‘सोनम वांगचुक ज़िंदाबाद’ के नारे लगाते हुए प्रदर्शन करने लगे। स्थानीय पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में लिया। जब पुलिस ने उन्हें वाहन में बैठाने की कोशिश की, तो विजयपाल ने मना कर दिया और चेतावनी दी कि यदि उन्हें जबरन हटाया गया, तो वे भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर प्राइवेट वाहन से रतनाड़ा थाने पहुंचाया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि विजयपाल एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और पहले जयपुर में प्रसिद्ध कार्यकर्ता गुरशरण सिंह छाबड़ा के साथ शराब की दुकानों के विरोध में प्रदर्शन कर चुके हैं। सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद जोधपुर सेंट्रल जेल और उसके आसपास की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। उन्हें शुक्रवार रात लेह/लद्दाख से गुप्त और त्वरित ऑपरेशन के तहत जोधपुर लाया गया।
जोधपुर में सोनम वांगचुक की सुरक्षा कड़ी
NDTV को पुलिस सूत्रों ने बताया कि शहर के पुलिस आयुक्त स्वयं इस काफिले में शामिल थे ताकि वांगचुक को सुरक्षित जेल तक पहुंचाया जा सके। माना जा रहा है कि उन्हें बुलेटप्रूफ वाहन में लाया गया, जिसकी खिड़कियों पर काली फिल्म लगी थी ताकि पहचान न हो सके। पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया कि जोधपुर क्यों चुना गया, लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह कदम समझा जा सकता है, क्योंकि लद्दाख से हजारों किलोमीटर दूर जोधपुर में उनके समर्थकों के लिए जुटना कठिन होगा।
जोधपुर जेल में हाई सिक्योरिटी व्यवस्था
जोधपुर जेल अपनी कड़ी तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के लिए जानी जाती है। राजस्थान में केवल जोधपुर और अजमेर जेल ही हाई सिक्योरिटी कैदियों के लिए भरोसेमंद मानी जाती हैं। यहां सोनम वांगचुक को एक अकेले सेल में रखा गया है, जिसकी लगातार सीसीटीवी निगरानी की जा रही है। वर्तमान में आसाराम भी इसी जेल में बंद हैं। यह जेल ब्रिटिश काल की है और 1980 के दशक में पंजाब आतंकी आंदोलन के आरोपियों के लिए इसकी सुरक्षा और कड़ी कर दी गई थी।
फिल्म अभिनेता सलमान खान, जिन्हें काले हिरण शिकार मामले में दोषी ठहराया गया था, ने भी इस जेल में 5 दिन बिताए थे। इस जेल में कई राजनीतिक कैदी, आतंकवादी, इंडियन मुजाहिदीन के दोषी सदस्य और जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन भी रह चुके हैं। वर्तमान में इस जेल की बैरकों में लगभग 1400 कैदी बंद हैं।
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