राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को उदयपुर दौरे के दौरान सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत की और केंद्र सरकार पर कई अहम मुद्दों को लेकर तीखा हमला बोला। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर जोधपुर जेल में डालने पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए। उन्होंने मणिपुर और लद्दाख की घटनाओं को लेकर केंद्र की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए।
मणिपुर हिंसा पर जताई चिंता
गहलोत ने कहा कि मणिपुर में हिंसा को ढाई साल बीत चुके हैं और स्थिति सुधरने के बजाय बिगड़ती जा रही है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री की यात्रा के बाद भी अगर वहां हिंसा होती है, तो यह बहुत चिंता की बात है।” गहलोत ने केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा कि गृह मंत्रालय को समय रहते कार्रवाई करनी चाहिए थी।
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर उठाए सवाल
लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर गहलोत ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “वांगचुक कोई आतंकवादी नहीं हैं। वे पहले मोदी के समर्थक रहे हैं। अब अचानक ऐसा क्या हो गया कि उन्हें जोधपुर जेल में डाल दिया गया?” गहलोत ने सरकार से पूछा कि ऐसा कठोर कदम क्यों उठाया गया और इसे किस आधार पर सही ठहराया जा सकता है।
जेलों की स्थिति पर चिंता
गहलोत ने देशभर की जेलों में अव्यवस्था और गैंगस्टर के संचालन को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “जेल में मोबाइल कैसे पहुंच रहे हैं? गैंगस्टर जेल से ऑपरेट कर रहे हैं। यह सब देश के लिए खतरनाक है।” उन्होंने मांग की कि गृह मंत्रालय इस पर तुरंत स्पष्टता दे।
जैन की वापसी पार्टी का सामूहिक निर्णय”
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि यह फैसला प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुशासन समिति और पार्टी नेताओं की सामूहिक सलाह से लिया गया है। उन्होंने कहा, “पार्टी ने सोच-समझकर निर्णय लिया है। कार्यकर्ताओं को इसे सकारात्मक रूप से लेना चाहिए।”
गहलोत ने कार्यकर्ताओं से एकजुटता का आह्वान करते हुए कहा कि देश को आज कांग्रेस की विचारधारा की सबसे ज्यादा जरूरत है, क्योंकि यह सभी धर्मों, जातियों और वर्गों को साथ लेकर चलती है। उन्होंने अपील की कि मतभेदों को भुलाकर कांग्रेस संगठन को मजबूत किया जाए।
कन्हैयालाल हत्याकांड पर फिर उठाए सवाल
अशोक गहलोत ने उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा, “हमारी सरकार ने चार घंटे में आरोपियों को गिरफ्तार किया था। अगर आज भी कांग्रेस की सरकार होती तो अब तक उन्हें फांसी हो चुकी होती।” उन्होंने कहा कि परिवार को अब तक न्याय नहीं मिलना, केंद्र सरकार की विफलता का उदाहरण है।