NCRB Report 2023: जयपुर। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट ने राजस्थान में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वर्ष 2023 के अपराध आंकड़ों के मुताबिक, दुष्कर्म (रेप) और धोखाधड़ी के मामलों में राजस्थान देश में पहले स्थान पर है, जबकि महिला अत्याचार के मामलों में यह राज्य टॉप तीन में शामिल है। ये आंकड़े प्रदेश में अपराध की भयावह तस्वीर पेश करते हैं।
रेप के मामलों में नंबर 1
NCRB के मुताबिक, 2023 में राजस्थान में रेप के 5194 मामले दर्ज किए गए, यानी औसतन हर दिन 14 से अधिक रेप केस फाइल हुए। यह देश में सबसे अधिक है। राज्य में बीते वर्षों में कई गंभीर और शर्मनाक रेप व गैंगरेप केस सामने आए हैं, जिनमें अलवर गैंगरेप जैसा मामला देशभर में सुर्खियों में रहा। नाबालिग बच्चियों के साथ यौन अपराधों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है।
महिला अपराध में तीसरे स्थान पर
महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं। 2023 में राजस्थान में 45,450 महिला अत्याचार के केस दर्ज किए गए। यह आंकड़ा उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद तीसरे स्थान पर है। रेप, छेड़छाड़, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में वृद्धि के चलते यह स्थिति बनी है।
धोखाधड़ी में भी राजस्थान टॉप पर
2023 में राजस्थान में 27,765 आर्थिक अपराध (चीटिंग/धोखाधड़ी) के मामले सामने आए, जिससे राज्य इस श्रेणी में भी देश में पहले नंबर पर रहा। जयपुर शहर इन मामलों में सबसे ऊपर है। यहां 3331 धोखाधड़ी के केस दर्ज किए गए — जो बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों से भी ज्यादा हैं। इनमें अधिकांश मामले डेबिट-क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग, साइबर फ्रॉड, और फर्जीवाड़ा से संबंधित हैं।
जयपुर: राजधानी, लेकिन असुरक्षा की राजधानी भी?
-
मर्डर केस: 131
-
लैंगिक अपराध: 408
-
चोरी के केस: 10,000+
-
धोखाधड़ी केस: 3331
इन आंकड़ों से साफ है कि जयपुर अपराध के विभिन्न वर्गों में शीर्ष स्थान पर है। मर्डर, लूट, यौन अपराध और आर्थिक अपराध – लगभग हर श्रेणी में राजधानी पीछे नहीं है।
किसकी जिम्मेदारी?
-
2023 के अंत तक प्रदेश में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार थी।
-
15 दिसंबर 2023 को सत्ता भाजपा की भजनलाल शर्मा सरकार को मिली।
-
वर्तमान सरकार का दावा है कि उनके कार्यकाल में अपराध दर में गिरावट आई है, लेकिन इसका सच्चा मूल्यांकन 2024 की NCRB रिपोर्ट के आने के बाद ही संभव होगा।
सिर्फ सियासत नहीं, जनता की सुरक्षा का सवाल
राजस्थान में अपराधों की बढ़ती संख्या अब एक राजनीतिक बहस का विषय बन चुकी है। बीते विधानसभा चुनाव में भी महिला सुरक्षा और रेप केस प्रमुख मुद्दों में शामिल थे। लेकिन सवाल सिर्फ सियासत का नहीं है, सवाल प्रदेश की बहन-बेटियों की सुरक्षा, आम नागरिक की सुरक्षा और कानून व्यवस्था की मजबूती का है। क्या सरकारें सिर्फ आंकड़ों के खेल में उलझी रहेंगी या जमीनी स्तर पर सख्त कार्रवाई कर लोगों को राहत मिलेगी?