डूंगरपुर। राजस्थान के डूंगरपुर जिले में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत के बाद उपजे तनाव और विरोध प्रदर्शन का आखिरकार समाधान निकल आया है। चार दिनों से चल रहे आंदोलन और बातचीत के बाद बुधवार देर शाम प्रशासन और पीड़ित परिवार के बीच समझौता हो गया। इस समझौते के तहत मृतक के परिजनों को ₹27.50 लाख का मुआवजा और पिता को संविदा नौकरी देने पर सहमति बनी।
कैसे शुरू हुआ मामला?
डूंगरपुर जिले के दोवड़ा थाना पुलिस ने 26 सितंबर को चोरी के आरोप में दिलीप अहारी को हिरासत में लिया था। पूछताछ के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे डूंगरपुर अस्पताल और फिर उदयपुर रेफर किया गया।
30 सितंबर को उसकी मौत हो गई। मौत की खबर फैलते ही इलाके में तनाव फैल गया और आदिवासी समाज के लोगों ने पुलिस पर मारपीट और हिरासत में हत्या का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया।
चार दिन चला जबरदस्त विरोध
प्रदर्शन की शुरुआत दोवड़ा थाने के बाहर हुई, जो बाद में कलेक्ट्रेट तक जा पहुंची। प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें थीं कि 1 करोड़ रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए। प्रदर्शन का नेतृत्व विधायक उमेश मीणा और सांसद राजकुमार रोत ने किया।
आखिरकार बनी सहमति
मंगलवार को प्रशासन के साथ बातचीत बेनतीजा रही। बुधवार को विधायक उमेश मीणा के नेतृत्व में 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम दिनेशचंद्र धाकड़ और एएसपी अशोक कुमार से वार्ता की। कई घंटे चली बातचीत के बाद समझौता हो गया।
27 लाख का मुआवजा
- ₹27.50 लाख का मुआवजा
- दिलीप के पिता जीवराज अहारी को टीएडी हॉस्टल में चतुर्थ श्रेणी संविदा नौकरी
- दोवड़ा थानाधिकारी तेजकरण सिंह, हेड कांस्टेबल वल्लभराम पाटीदार सहित 5 पुलिसकर्मी निलंबित
अब होगा अंतिम संस्कार
समझौते के बाद उदयपुर अस्पताल से मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, और अब गुरुवार को गांव कलारिया में अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है।
तनाव खत्म, अमन बहाल
चार दिनों से चला आ रहा विरोध अब थम गया है और इलाके में शांति बहाल होने लगी है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए त्वरित कदम उठाए, जिससे मामला शांतिपूर्ण तरीके से सुलझ सका।