जयपुर, 1 अक्टूबर 2025 से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 148 (मनोहरपुर-दौसा खंड) पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा के संबंध में नई अधिसूचना लागू हो गई है। परिवहन विभाग की ओर से जारी यह अधिसूचना गजट में प्रकाशित होते ही प्रभावी हो गई। इसका सीधा असर उन सभी वाहन चालकों पर पड़ेगा जो इस मार्ग से होकर गुजरते हैं।
वाहनों की नई गति सीमा
परिवहन विभाग के अनुसार, नई अधिसूचना में सभी श्रेणी के वाहनों के लिए अलग-अलग गति सीमा तय की गई है। भारी वाहन (ट्रोला) के लिए अधिकतम सीमा 50 किलोमीटर प्रति घंटा है। ट्रक और अन्य भारी वाहन अधिकतम 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकेंगे। हल्के भारी वाहन के लिए भी यही सीमा लागू होगी।
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी जयपुर (द्वितीय) धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि यात्रियों और हल्के वाहनों की गति सीमा भी अलग तय की गई है:
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मध्यम/भारी यात्रा वाहन (बस आदि): 60 किलोमीटर प्रति घंटा
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हल्के चार पहिया वाहन (कार आदि): 70 किलोमीटर प्रति घंटा
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तीन पहिया वाहन (ऑटो रिक्शा आदि): 50 किलोमीटर प्रति घंटा
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दुपहिया वाहन (बाइक/स्कूटर आदि): 60 किलोमीटर प्रति घंटा
इस प्रकार, प्रत्येक वाहन श्रेणी के हिसाब से गति सीमा तय कर सड़क पर संतुलित यातायात और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
सड़क सुरक्षा के लिए कदम
यह निर्णय सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। अक्सर राष्ट्रीय राजमार्ग पर तेज रफ्तार वाहन दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं। मनोहरपुर-दौसा खंड पर ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में अलग-अलग श्रेणी के वाहनों के लिए स्पीड लिमिट तय करना यात्रियों और राहगीरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
इस अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह व्यवस्था अस्थायी है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या एनएच-148 के मनोहरपुर-दौसा खंड का चार लेन का डिवाइडेड कैरेजवे बन जाने तक यही गति सीमा लागू रहेगी। चार लेन बनने के बाद वाहन चालकों की गति सीमा की पुनः समीक्षा की जाएगी और आवश्यकता अनुसार नए नियम लागू किए जाएंगे।
चालक नियमों का पालन करें
प्रादेशिक परिवहन विभाग ने वाहन चालकों से अपील की है कि वे नई गति सीमा का सख्ती से पालन करें। तेज रफ्तार न केवल वाहन चालक के लिए बल्कि अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए भी खतरा बनती है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर चालान और अन्य दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
एनएच-148 पर वाहनों की गति सीमा तय करना सड़क सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अलग-अलग वाहनों के लिए अलग गति सीमा निर्धारित कर सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि केवल यातायात अनुशासन से ही सड़क सुरक्षा संभव है। चार लेन बनने के बाद मार्ग और अधिक सुगम और सुरक्षित हो जाएगा।
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