जयपुर। जमवारामगढ़ के रायसर थाना क्षेत्र के कुशलपुरा गांव निवासी विक्रम मीणा की आत्महत्या के मामले ने शुक्रवार को तूल पकड़ लिया। आत्महत्या से पहले विक्रम का तीन वनकर्मियों से विवाद हुआ था, जिसके बाद उसने थाना पहुंचकर शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी के विरोध में शुक्रवार दोपहर को ग्रामीणों और परिजनों ने रायसर थाने के बाहर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान गुस्साई भीड़ ने थाने का घेराव किया, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को खदेड़ने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों की ओर से पथराव भी किया गया, जिससे मौके पर तनावपूर्ण स्थिति बन गई। पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई झड़प में कई लोग घायल हो गए।
न्याय की मांग को लेकर धरना
विक्रम मीणा के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए युवा नेता नरेश मीणा शुक्रवार शाम रायसर पहुंचे। देर रात वे अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। उन्होंने ऐलान किया कि यदि शनिवार दोपहर 3 बजे तक प्रशासन ने पीड़ित परिजनों से कोई वार्ता नहीं की, तो वे शव के साथ मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करेंगे।
जंगल में बकरियां चरा रहा था विक्रम
मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार को विक्रम मीणा जंगल में बकरियां चरा रहा था। वहां उसका तीन वनकर्मियों से विवाद हो गया। विक्रम इस विवाद की शिकायत लेकर रायसर थाने पहुंचा और 100 नंबर पर कॉल कर मदद मांगी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी के चलते उसने आत्महत्या कर ली।
अभी मैं जमवारामगढ़ के कुशलपुरा गाँव में हुँ,जब तक परिजनों की मांग नहीं मान ली जाती मैं इस लड़ाई में परिजनों के साथ पूरी मजबूती से खड़ा हुँ.!
जो इस लड़ाई में इन परिजनों का साथ देना चाहते है वो सब सुबह 7 बजे कुशलपुरा गाँव में पहुँचे.! pic.twitter.com/fe4YdAOvNS— Naresh Meena (@NareshMeena__) October 3, 2025
स्थानीय नेताओं का भी विरोध प्रदर्शन
घटना के बाद गुरुवार रात से ही जमवारामगढ़ के पूर्व विधायक गोपाल मीणा और ग्राम पंचायत प्रधान मानसी मीणा के नेतृत्व में वन विभाग कार्यालय रायसर के सामने धरना शुरू कर दिया गया है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि दोषी वनकर्मियों पर एफआईआर दर्ज की जाए और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और न्याय मिले।
थाने में घुसी भीड़, लाठीचार्ज और आंसू गैस, कई घायल
कुशलपुरा गांव निवासी विक्रम मीणा की आत्महत्या मामले को लेकर रायसर थाना क्षेत्र में हालात बेकाबू हो गए। प्रदर्शनकारियों ने सुबह मनोहरपुर-दौसा मार्ग को जाम करने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन की समझाइश के बाद वे धरनास्थल लौट आए। इसके बाद दोपहर में प्रदर्शनकारियों ने रायसर थाने का घेराव कर दिया।
स्थिति उस वक्त बिगड़ गई जब भीड़ थाने के अंदर घुस गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े। झड़प में कई लोग घायल हो गए। हालात को नियंत्रण में लाने के लिए जयपुर ग्रामीण जिले के अन्य थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया और थाना परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया।
पहले सहमति बनी, फिर आरोपों ने बढ़ाया विवाद
शुक्रवार को प्रशासन, पुलिस, विधायक और मृतक के परिजनों के बीच समझौता वार्ता हुई थी। सहमति के अनुसार:
- परिजनों को ₹18 लाख की आर्थिक सहायता
- परिवार के एक सदस्य को संविदा नौकरी
- एक डेयरी बूथ आवंटन
- हत्या की धाराओं में मामला दर्ज
- हिरासत में लिए गए लोगों को बिना कार्रवाई छोड़ा जाएगा। इन शर्तों पर परिजन पोस्टमार्टम कराने को तैयार हो गए और शव को गांव लाया गया। लेकिन जैसे ही शव घर पहुंचा, परिजनों ने सहमति को दबाव में लिया गया फैसला बताया और वापस विरोध पर उतर आए।
नरेश मीणा फिर धरने पर बैठे
स्थिति को गंभीर होता देख, नरेश मीणा मौके पर पहुंचे और उन्होंने समर्थकों के साथ दोबारा धरना शुरू कर दिया। नरेश मीणा ने प्रशासन पर दबाव बनाने और परिजनों की बात नहीं सुनने का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर परिजनों की संतुष्टि के अनुसार कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और उग्र होगा।
स्थिति तनावपूर्ण, निगरानी में है इलाका
फिलहाल रायसर थाना क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। पुलिस बल तैनात है और प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि दोषी वनकर्मियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए, और परिजनों की सभी मांगों को सम्मानजनक ढंग से पूरा किया जाए।
वन विभाग ने अधिकारियों को किया निलंबित
इस मामले को लेकर वन विभाग ने अधिकारियों पर कार्रवाई की है। विवाद में शामिल तीन वनकर्मी मुकेश जाट, श्याम लाल मीना और पवन यादव को निलंबित किया गया है।
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