बाड़मेर। पूर्व विधायक मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी के बाद बाड़मेर और बालोतरा में लगे आपत्तिजनक पोस्टरों के मामले में बाड़मेर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने इस विवादित पोस्टर कांड में 7 नामजद आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी तेज कर दी है। बाड़मेर एसपी नरेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि आरोपियों में जनप्रतिनिधि, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और पचपदरा रिफाइनरी के ठेकेदार भी शामिल हैं। बालोतरा के एक प्रिंटिंग प्रेस को भी मामले में नामजद किया गया है, जहां से ये पोस्टर छपवाए गए थे।
पोस्टर कांड की पूरी कहानी
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कांग्रेस से निष्कासित पूर्व विधायक मेवाराम जैन की पार्टी में वापसी हुई। जैन पहले अश्लील सीडी प्रकरण और दुष्कर्म मामले में घिरे थे, जिसके कारण उन्हें पार्टी से बाहर किया गया था, लेकिन बाद में कोर्ट ने उन्हें क्लीन चिट दे दी। उनकी वापसी के बाद बाड़मेर, बालोतरा और जैसलमेर में ‘बलात्कारी हमें मंजूर नहीं’ और ‘बहनों का अपमान नहीं सहेगी बाड़मेर की कांग्रेस’ जैसे आपत्तिजनक पोस्टर लगे, जिन पर कांग्रेस कमेटी का नाम लिखा था, जिससे पार्टी के अंदरूनी मतभेदों को लेकर भ्रम फैल गया। कांग्रेस ने तुरंत इन पोस्टरों का खंडन करते हुए इसे साजिश बताया और कानूनी कार्रवाई की मांग की।
हरीश चौधरी पर लगे थे आरोप
पूर्व मंत्री और बायतु विधायक हरीश चौधरी ने मेवाराम जैन की वापसी का विरोध खुले मंच से किया था। उन्होंने कहा था कि ऐसे चरित्रहीन लोगों के साथ मंच साझा करना उचित नहीं। विरोध के चलते पोस्टर कांड के पीछे उनका हाथ होने के आरोप लगे, लेकिन पुलिस जांच में अब सात अन्य नाम सामने आए हैं। पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है और जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर पूरे कांड का खुलासा करेगी।
नामजद आरोपियों में शामिल हैं:
- खेराजराम हुड्डा
- अशोक कुमार
- नारायण
- जसराज
- गिरधारीलाल
- श्रवण कुमार (परेऊ)
- अशोक कुमार
इन आरोपियों की पहचान मुख्य रूप से पोस्टर लगाने में उपयोग हुए वाहनों के आधार पर की गई है। पुलिस की तीन टीमें मामले की जांच और गिरफ्तारी के लिए जुटी हुई हैं।