जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अचानक हुई बेमौसम बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। कटाई के बाद खेतों में सूखने के लिए रखी फसलों पर बारिश का बुरा असर पड़ा है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि इस बारिश ने उनकी मेहनत की कमाई को सीधे प्रभावित किया है।
खासकर भोपालगढ़, पीपाड़, बिलाड़ा, मंडोर, ओसियां, तिंवरी, बापिणी, चामू, सेखाला और लोहावट तहसील के असिंचित क्षेत्रों में फसल नुकसान की सूचना मिली है। ये इलाके पहले से ही सिंचाई की सुविधा से वंचित हैं, ऐसे में अचानक हुई बारिश ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
बेमौसम बारिश से फसलें बर्बाद
किसानों के अनुसार, खेतों में सूखने के लिए रखी गई बाजरा, मूंग, मोठ, तिल और ग्वार जैसी फसलें पूरी तरह प्रभावित हुई हैं। खासकर बाजरा और ग्वार की फसल में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। फसलें पानी में भीगने के कारण सड़ने लगी हैं और उन्हें बाजार भेजना मुश्किल हो गया है। स्थानीय कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बेमौसम बारिश ने फसल उत्पादन पर नकारात्मक असर डाला है। कई किसानों ने बताया कि कटाई के बाद फसल सुखाने में उनकी मेहनत बेकार हो गई, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हो सकती है।
किसानों को मुआवजे की मांग
किसानों की मांग है कि सरकार और संबंधित विभाग उनके नुकसान का मूल्यांकन कर उचित मुआवजा दें। इसके अलावा, भविष्य में बेमौसम बारिश से बचाव के लिए सिंचाई और फसल संरक्षण के उपायों पर ध्यान देने की जरूरत है। जिले में कृषि विभाग की टीम नुकसान का आकलन कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही प्रभावित किसानों की मदद के लिए कदम उठाए जाएंगे। इस अप्रत्याशित बारिश ने जोधपुर के कई किसानों की फसल और आय पर बड़ा असर डाला है, और स्थानीय प्रशासन की निगरानी एवं सहायता ही उनकी परेशानियों को कुछ हद तक कम कर सकती है।
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