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Tuesday, October 7, 2025

राजस्थान में जहरीली सिरप का कहर जारी! चुरू के मासूम ने तोड़ा दम, जानें क्या बोले डॉक्टर?

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राजस्थान में डेक्स्ट्रोमेथार्फन (Dextromethorphan) युक्त खांसी की सिरप से बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला चुरू जिले से सामने आया है, जहां 6 वर्षीय मासूम अनस खान की जयपुर के जेके लोन अस्पताल में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि सरकारी योजना के तहत मिली सिरप पीने के बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ी है।

अनस के पिता यासीन खान का कहना है कि हल्की खांसी और बुखार के चलते डॉक्टर की सलाह पर सिरप दी गई थी। इसके बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ती चली गई और जयपुर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं जेके लोन अस्पताल प्रशासन ने मौत का कारण ‘एक्यूट ब्रेन फीवर’ बताया है, लेकिन परिवार का आरोप है कि सिरप ने बच्चे की जान ली।

राज्य में अब तक 4 मौतें, कई बीमार

इस सिरप से राजस्थान के सीकर, भरतपुर, चुरू और बांसवाड़ा जिलों में अब तक 4 बच्चों की मौत हो चुकी है। 10 से अधिक बच्चे और एक डॉक्टर गंभीर रूप से बीमार हुए हैं।

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सिरप की सप्लाई पर रोक, ड्रग कंट्रोलर निलंबित

राज्य सरकार ने केसन्स फार्मा द्वारा निर्मित सिरप के दो बैचों (KL-25/147 और KL-25/148) की आपूर्ति पर रोक लगा दी है। ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा और संबंधित डॉक्टरों को सस्पेंड किया गया है।

सिरप के बजाय दें भाप और शहद

मेडिकल विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि डेक्स्ट्रोमेथार्फन का अधिक मात्रा में सेवन बच्चों के लिए घातक हो सकता है। शिशुओं को घरेलू उपाय जैसे भाप और शहद देने की सलाह दी गई है।

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स्वास्थ्य मंत्रालय की सख्त गाइडलाइन

  • केंद्र सरकार ने 2 साल से कम उम्र के बच्चों को यह सिरप न देने की सलाह दी है।
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को 4 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए डेक्स्ट्रोमेथार्फन के उपयोग से परहेज करने का निर्देश दिया है।

  • NCDC और अन्य एजेंसियों ने दवा, पानी और सिरप के सैंपल लेकर जांच शुरू कर दी है।

मध्यप्रदेश में भी हो चुकी हैं मौतें

यह संकट सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं है। मध्यप्रदेश में भी इसी तरह की सिरप से बच्चों की मौत की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जांच में जहरीले रसायन डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की मौजूदगी पाई गई थी, जो आमतौर पर ब्रेक ऑयल में इस्तेमाल होता है।

डॉक्टरों ने परिजनों से अपील

डॉक्टरों ने परिजनों से अपील की है कि बिना विशेषज्ञ सलाह के किसी भी दवा का सेवन बच्चों को न कराएं। कोई भी संदिग्ध लक्षण दिखने पर स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन 104 पर तुरंत संपर्क करें।

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