मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में अभी कुलपति के विवादित बयान का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि शनिवार को बीए फोर्थ सेमेस्टर के इतिहास प्राइवेट पेपर में कई गड़बड़ियां सामने आईं। “History of India from 1885 to 1964” विषय के पेपर में न केवल कई आउट ऑफ सिलेबस सवाल थे, बल्कि टाइपिंग की बड़ी गलतियां भी नजर आईं। सबसे चौंकाने वाली गलती थी कि ‘मराठा’ की जगह पेपर में ‘पराठा’ लिखा गया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ।
छात्रों ने किया जोरदार विरोध प्रदर्शन
इस गड़बड़ी को लेकर छात्रों में भारी आक्रोश फैल गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के महानगर मंत्री पुप्पेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि परीक्षा में 1857 की क्रांति और Indian Council Act जैसे सवाल पूछे गए, जो कोर्स में शामिल ही नहीं थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने सिलेबस की अनदेखी कर परीक्षा तैयार की है। राठौड़ ने बताया कि जब वे रजिस्ट्रार से मिले तो कोई ठोस जवाब नहीं मिला।
परीक्षा नियंत्रक पी.एस. राजपूत ने दिया इस्तीफा
विरोध प्रदर्शन के दौरान परीक्षा नियंत्रक पी.एस. राजपूत को मामले पर जवाब देने बुलाया गया, लेकिन उन्होंने जांच का आश्वासन देने के बाद अचानक पद से इस्तीफा दे दिया। एबीवीपी नेताओं ने इसे विश्वविद्यालय प्रशासन की गंभीर लापरवाही करार दिया और कहा कि न तो सिलेबस का ध्यान रखा जा रहा है और न ही प्रशासन के पास कोई जवाब है।
प्रशासन ने मांगा दो दिन का समय
विवाद बढ़ने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से दो दिनों का समय मांगा है ताकि पूरी परीक्षा प्रक्रिया की जांच की जा सके। प्रशासन ने कहा कि जांच रिपोर्ट के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। वहीं, छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर दो दिनों में ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज कर दिया जाएगा।
मामला संभागीय स्तर पर चर्चा में
यह परीक्षा पूरे संभाग भर से आयोजित हुई थी, इसलिए विवाद ने व्यापक स्तर पर चर्चा और आक्रोश को जन्म दिया है। छात्र और संगठन प्रशासन से जल्द निष्पक्ष और कड़े कदम की मांग कर रहे हैं।