Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस जहां एकजुटता का दावा कर रही है, वहीं अजमेर में रविवार को हुई संगठन सर्जन अभियान की बैठक में सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुटों के बीच तनावपूर्ण स्थिति देखने को मिली। फायसागर रोड स्थित हंस पैराडाइज में आयोजित इस बैठक में एआईसीसी पर्यवेक्षक अशोक तंवर की मौजूदगी में दोनों पक्षों के समर्थक आमने-सामने आ गए और नारेबाजी व कहासुनी का दौर चला।
मौजूदा शहर अध्यक्ष विजय जैन के संबोधन के दौरान माहौल अचानक गरमा गया। विजय जैन ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि उनके समय कांग्रेस प्रत्याशी चुनावों में बेहद कम अंतर से हार गए, जबकि इससे पहले पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। उनके इस बयान पर गहलोत गुट के नेताओं ने तीखा विरोध जताया और बैठक में नारेबाजी शुरू हो गई।
नगर निगम चुनाव में कांग्रेस बोर्ड नहीं बना पाया
इसके बाद पूर्व आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर के समर्थकों ने विजय जैन पर आरोप लगाए कि उनके नेतृत्व में नगर निगम चुनावों में कांग्रेस बोर्ड नहीं बन पाया। आरोप-प्रत्यारोप के चलते दोनों गुटों के बीच जुबानी विवाद बढ़ गया और बैठक का माहौल तनावपूर्ण हो गया। हालांकि वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी बीच-बचाव करते हुए स्थिति को संभालने का प्रयास करते रहे।
बैठक में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी
बैठक के दौरान एआईसीसी पर्यवेक्षक अशोक तंवर, पीसीसी पर्यवेक्षक गुरमीत सिंह कुन्नर, रमेश खंडेलवाल, पूर्व मंत्री रघु शर्मा, पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, डॉ. राजकुमार जयपाल समेत कई वरिष्ठ नेता मंच पर मौजूद थे। करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद माहौल शांत हुआ और बैठक फिर से सुचारू रूप से आगे बढ़ी।
धर्मेंद्र राठौर और रघु शर्मा ने विवाद से इनकार किया
हंगामे के बाद धर्मेंद्र राठौर और पूर्व मंत्री रघु शर्मा ने स्पष्ट किया कि यह किसी विवाद से ज्यादा विचार-विमर्श का मंच था, जहां पार्टी कार्यकर्ताओं को अपनी बात खुलकर रखने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है और इसे विवाद के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। रघु शर्मा ने भरोसा दिलाया कि पार्टी एकजुट है और सभी का उद्देश्य कांग्रेस को मजबूत बनाना है। फिर भी, अजमेर कांग्रेस की इस बैठक में हुई गहमागहमी ने पार्टी में गुटबाजी के स्पष्ट संकेत दिए हैं, जो आने वाले समय में संगठन की राजनीति को प्रभावित कर सकते हैं।
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