Jaipur SMS Fire Incident: राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार रात हुए भीषण अग्निकांड के बाद राजनीतिक बवाल तेज हो गया है। इस हादसे में 8 मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से झुलसे हुए हैं। अब कांग्रेस पार्टी ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर सीधा हमला बोल दिया है।
कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता सचिन पायलट ने इस हादसे को सरकार की “गंभीर लापरवाही” बताते हुए न्यायिक जांच की मांग की है। गहलोत ने इस घटना को “बेहद शर्मनाक और खौफनाक” बताया और कहा कि सरकार मृतकों के शवों की जानकारी तक नहीं दे रही।
डोटासरा ने आरोप लगाया कि चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर घटना के 10 घंटे बाद तक भी अस्पताल नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा, “सरकार की लापरवाही ने 8 जिंदगियां छीन लीं। न शवों की जानकारी दी जा रही है, न मुआवजा।”
सचिन पायलट ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और इसे “सुरक्षा मानकों में गंभीर चूक” करार दिया। उन्होंने कहा कि स्टाफ का भाग जाना और फायर उपकरणों का काम न करना जानलेवा साबित हुआ।
विपक्षी नेता बोले – ये हादसा नहीं, हत्या है
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह केवल हादसा नहीं, बल्कि हत्या है। उन्होंने चिकित्सा मंत्री से इस्तीफे की मांग की और कहा कि परिजनों के धरने का कांग्रेस समर्थन करती है।
सरकार का जवाब – जांच से तय होगी जिम्मेदारी
वहीं, बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, “कांग्रेस राज में जब ऐसे हादसे हुए, तब किसने इस्तीफा दिया?” उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और कहा कि जांच से सच्चाई सामने लाई जाएगी।
आग की वजह और लापरवाही के आरोप
रविवार रात 11:21 बजे ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर न्यूरो ICU के स्टोर में शॉर्ट सर्किट से आग लगी। फायर डिटेक्शन सिस्टम न होने और पुराने सिलेंडरों के चलते आग तेजी से फैली। परिजनों का आरोप है कि स्टाफ को आग की सूचना 20 मिनट पहले दी गई थी, लेकिन अनदेखी की गई। 24 मरीज (11 ICU, 13 सेमी ICU) प्रभावित हुए। जहरीले धुएं की चपेट में आने से 8 लोगों की मौत हो गई।
मुख्यमंत्री ने की घोषणा
सीएम भजनलाल शर्मा ने घटना की रात 2:30 बजे अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने दिल्ली दौरा रद्द कर दिया। घायलों के मुफ्त इलाज और उच्चस्तरीय जांच की घोषणा की।
धरना जारी, परिजन मांग रहे जवाब
मृतकों के परिजनों का अस्पताल के बाहर धरना जारी है। वे शवों की जानकारी, मुआवजे और दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।