जोधपुर। लद्दाख के चर्चित क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तारी के बाद चल रहा सस्पेंस अब खत्म हो गया है। मंगलवार देर रात, 11 दिन बाद, उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो को जोधपुर सेंट्रल जेल में वांगचुक से मिलने की इजाजत दी गई।
11 दिन बाद मिला हिरासत आदेश
गीतांजलि अंगमो ने जेल से बाहर निकलने के बाद सोशल मीडिया पर बताया कि उन्हें अब जाकर वांगचुक का हिरासत आदेश (Detention Order) सौंपा गया है। इसमें उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों और NSA के तहत कार्रवाई की पूरी जानकारी शामिल है। उन्होंने कहा कि इस आदेश को अब कोर्ट में चुनौती दी जाएगी और कानूनी लड़ाई पूरी ताकत से लड़ी जाएगी।
“उनका साहस निडर है, प्रतिबद्धता दृढ़”
जेल में हुई मुलाकात के बाद गीतांजलि ने ट्वीट कर बताया कि वांगचुक मानसिक रूप से पूरी तरह मजबूत हैं। उन्होंने लिखा, “आज वांगचुक से मुलाकात हुई। उनका साहस निडर है और उनकी प्रतिबद्धता पूरी तरह दृढ़ है।”
Met @Wangchuk66 today with @RitamKhare and got the detention order which we will challenge.
His spirit is undaunted. His commitment resolute! His resilience intact!
He conveys heartfelt thanks to all for their support and solidarity. #SatyamevaJayate #FreeSonamWangchuk— Gitanjali J Angmo (@GitanjaliAngmo) October 7, 2025
क्या है पूरा मामला?
सोनम वांगचुक को हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह कानून सरकार को यह अधिकार देता है कि वह किसी भी व्यक्ति को 1 साल तक बिना ट्रायल हिरासत में रख सकती है, यदि वह राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा माना जाए।
वांगचुक लंबे समय से लद्दाख को संविधान के छठे अनुसूची (6th Schedule) के तहत सुरक्षा देने और जलवायु को बचाने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर उन्होंने शांतिपूर्ण अनशन भी किया था, जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
आगे की रणनीति
गीतांजलि अंगमो ने साफ कर दिया है कि उनकी कानूनी टीम अब इस आदेश को कोर्ट में चुनौती देगी। उनका कहना है कि सोनम वांगचुक की लड़ाई पर्यावरण, संविधान और लद्दाख की पहचान के लिए है – और यह लड़ाई अब कोर्ट में भी लड़ी जाएगी