27.9 C
Jaipur
Wednesday, October 8, 2025

अंता उपचुनाव: कांग्रेस उम्मीदवार कौन बनेगा? गोविंद सिंह डोटासरा ने दिया जवाब

Newsअंता उपचुनाव: कांग्रेस उम्मीदवार कौन बनेगा? गोविंद सिंह डोटासरा ने दिया जवाब

Rajasthan Byelection 2025: बूंदी। चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनावों के साथ ही देश के सात राज्यों की आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा कर दी है। इनमें राजस्थान की अंता विधानसभा सीट भी शामिल है, जो बीजेपी के पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द होने के कारण खाली हुई थी। इस उपचुनाव को लेकर प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है।

अंता उपचुनाव में भारी मतों से जीत का दावा

बूंदी प्रवास पर पहुंचे राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में अंता उपचुनाव पर जीत का दावा करते हुए कहा कि भाजपा सरकार से जनता का भरोसा उठ चुका है और कांग्रेस को पूर्ण समर्थन मिलेगा। डोटासरा ने कहा, “प्रदेश की जनता भाजपा सरकार से दुखी है, और इस बार अंता में कांग्रेस भारी मतों से जीत दर्ज करेगी।”

अंता सीट पर कांटे की टक्कर, नरेश मीणा भी मैदान में

बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को कांग्रेस का संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है। वहीं, यहां की सियासी लड़ाई में नरेश मीणा भी मजबूत दावेदार के रूप में उभरे हैं। नरेश मीणा ने खुलकर कहा है कि वह अंता से चुनाव लड़ेंगे, जिससे मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है।

सीट खाली होने का कारण

अंता विधानसभा सीट पर पहले बीजेपी के विधायक कंवरलाल मीणा थे, जिनकी सदस्यता 1 मई 2025 को रद्द कर दी गई। उनके खिलाफ 2005 के उपसरपंच चुनाव के दौरान SDM पर पिस्तौल तानने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने मनोहर थाना कोर्ट में सरेंडर किया। सदस्यता रद्द होने के कारण अंता सीट खाली हुई और अब यहां उपचुनाव कराने का फैसला लिया गया है।

सियासी हलचल तेज

अंता विधानसभा उपचुनाव को प्रदेश की राजनीतिक परिस्थिति का अहम हिस्सा माना जा रहा है। आगामी चुनाव से पहले यह सीट कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए अपनी ताकत दिखाने का मौका है। राजनीतिक दल पूरे ज़ोर-शोर से तैयारियां कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें: ज़िंदगी और सरकारी सिस्टम – जहां मौतें भी रूटीन बन गई हैं

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles