अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत ने इतिहास रच दिया है और कॉमेक्स पर दिसंबर फ्यूचर्स की कीमत भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजे 4,040 डॉलर प्रति औंस पहुंच गई है। इस तेजी के पीछे वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितताएं प्रमुख वजह बनी हैं, जिनके कारण निवेशक सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने को प्राथमिकता दे रहे हैं। साथ ही, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की संभावना ने भी इस तेजी को हवा दी है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर 5 दिसंबर 2025 के सोने के कॉन्ट्रैक्ट का भाव 0.87 प्रतिशत बढ़कर 1,22,170 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है। वहीं, चांदी में भी तेजी देखने को मिली है, जिसके 5 दिसंबर के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 1,47,354 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है, जो बुधवार को 1.07 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है।
कीमतों में उछाल के कारण
सोने और चांदी दोनों ही इस साल अब तक शानदार रिटर्न दे चुके हैं—सोने ने 55 प्रतिशत से अधिक और चांदी ने करीब 70 प्रतिशत का लाभ दिया है। निवेश बैंक गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि सोने की कीमत अगले साल 5,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है, जो अभी के स्तर से काफी ऊपर है।
अमेरिका-फ्रांस में राजनीतिक संकट
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक अनिश्चितताएं बनी रहती हैं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती की दिशा में आगे बढ़ता है, तो सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी जारी रह सकती है। अमेरिका में सरकारी शटडाउन, फ्रांस की राजनीतिक उथल-पुथल, जापान और अर्जेंटीना की आर्थिक चुनौतियां, और रूस-यूक्रेन युद्ध की बढ़ती हिंसा कीमती धातुओं में निवेश बढ़ा रही है। इस आर्थिक माहौल में सोना सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में उभर रहा है और आने वाले दिनों में इसकी कीमतों में और बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।