Rajasthan Anti Conversion Law: जयपुर। राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में पारित धर्मांतरण रोकने, कोचिंग सेंटरों के नियमन और भू-जल संरक्षण से संबंधित प्रमुख विधेयकों पर अब सरकार ने मुहर लगा दी है। इन विधेयकों की अधिसूचना जारी कर दी गई है, जिससे ये अब कानून का रूप ले चुके हैं। इन तीनों के अलावा मानसून सत्र में पारित सभी 9 विधेयकों की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
इन विधेयकों पर बनी सहमति:
- विधिविरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक – यह विधेयक 9 सितंबर को विधानसभा में पारित किया गया था। इसका उद्देश्य राज्य में बलपूर्वक, प्रलोभन या धोखे से कराए जा रहे धर्मांतरण पर रोक लगाना है।
- राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक – कोचिंग सेंटरों के पंजीकरण को अनिवार्य बनाने, शुल्क, समय, संकाय और बुनियादी सुविधाओं को विनियमित करने के लिए यह कानून बनाया गया है।
- राजस्थान भू-जल (संरक्षण और प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक – राज्य में गिरते भूजल स्तर को नियंत्रित करने के लिए यह विधेयक पारित किया गया। इसे दो बार प्रवर समिति को भेजना पड़ा था, क्योंकि इस पर पहले विधानसभा में सहमति नहीं बन पाई थी।
कब होंगे लागू?
इन कानूनों के लागू होने की तिथि के लिए राज्य सरकार अलग से अधिसूचना जारी करेगी। यानी, अभी ये कानून बन गए हैं, लेकिन इन्हें प्रभावी रूप से लागू कब किया जाएगा, इसका ऐलान जल्द किया जाएगा।
ये अन्य विधेयक भी बने कानून
- राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान, जयपुर विधेयक – एम्स की तर्ज पर ‘रिम्स’ की स्थापना का रास्ता साफ।
- राजस्थान मत्स्य-क्षेत्र (संशोधन) विधेयक – अवैध मछली पालन को रोकने के लिए संशोधन।
- कारखाना (राजस्थान संशोधन) विधेयक – काम के घंटे बढ़ाने और महिलाओं को रात में कार्य करने की अनुमति।
- रीको को पुराने औद्योगिक क्षेत्रों की भूमि पर अधिकार देने संबंधी विधेयक।
- GST और राज्य सरकार के व्यय संबंधी वित्त विधेयक – वित्तीय व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कानून में तब्दील।
राज्य सरकार की मंशा साफ
राज्य सरकार इन कानूनों के जरिए शिक्षा व्यवस्था, धार्मिक स्वतंत्रता, जल संरक्षण और औद्योगिक विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रभावी नियंत्रण और सुधार लाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। आने वाले समय में इन कानूनों से इन क्षेत्रों में व्यवस्था मजबूत होने की उम्मीद है।