राजस्थान की भजनलाल सरकार ने दीपावली से ठीक पहले राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों को खुशखबरी दी है। वित्त विभाग (नियम प्रभाग) ने 10 अक्टूबर 2025 को एक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1996 में अहम बदलाव किया गया। अब मानसिक या शारीरिक रूप से दिव्यांग कर्मचारी की संतान, चाहे वह विवाहित हो, पारिवारिक पेंशन (Family Pension) का लाभ ले सकेगी। यह संशोधन तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।
आय पात्रता की सीमा बढ़ाई गई
अब पेंशन नियम केवल दिव्यांगों के लिए नहीं, बल्कि सभी आश्रित संतानों के लिए भी लागू होंगे। पारिवारिक पेंशन पाने के लिए किसी भी बेटा या बेटी की मासिक आय ₹12,500 से अधिक नहीं होनी चाहिए। यदि आय इस सीमा से ऊपर जाती है, तो पेंशन के लिए वे अयोग्य हो जाएंगे। पात्रता बनाए रखने के लिए, उन्हें हर 6 महीने में वैवाहिक स्थिति और हर साल आय का प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
दिव्यांग संतान को अतिरिक्त राहत
अब विकलांगता से पीड़ित संतान तब तक पेंशन के लिए अपात्र नहीं मानी जाएगी, जब तक उनकी मासिक आय ₹8,850 और देय महंगाई राहत (Dearness Relief) की कुल राशि से अधिक नहीं हो जाती। इस प्रावधान से दिव्यांगजनों को ₹8,850 की निश्चित आय के साथ-साथ महंगाई भत्ते का अतिरिक्त वित्तीय सुरक्षा कवच भी मिला है।
नियम 62 में हुआ बदलाव
अधिसूचना के अनुसार, नियम 62 से मौजूदा उप-नियम (iv) को हटा दिया गया है। हालांकि इसका विस्तृत विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन नियम 62 आम तौर पर पेंशन के किसी विशेष हिस्से की गणना या पात्रता से जुड़ा होता है। जानकारों का कहना है कि इस बदलाव से पेंशन गणना की प्रक्रिया सरल हो सकती है, लेकिन इसका पूरा असर जल्द ही स्पष्ट होगा।
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