जयपुर। राजस्थान के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस अस्पताल) में न्यूरो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनीष अग्रवाल भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में फंस गए हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की जांच में पता चला है कि डॉ. अग्रवाल ने ब्रेन सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले कॉइल की खरीद के बिल पास कराने के एवज में 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए।
एसीबी की गिरफ्तारी कार्रवाई के दौरान सामने आया कि रिश्वत की रकम को बचाने के लिए डॉ. अग्रवाल के एक कर्मचारी ने पैसे एक खाली प्लॉट में फेंक दिए थे, लेकिन सतर्क एसीबी टीम ने तुरंत पैसे बरामद कर लिए। यह कार्रवाई तब हुई जब एक कॉन्स्टेबल पेंशनर बनकर डॉक्टर के घर में छिपा था और पूरी गतिविधि पर नजर रख रहा था।
पत्नी ने करवा चौथ का बहाना बनाया
जांच में डॉ. अग्रवाल की करोड़ों की अवैध संपत्ति का भी खुलासा हुआ है। एसीबी ने उनके घर से करीब 4 लाख 85 हजार रुपये नकद और जयपुर में 5 प्रॉपर्टी के दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनमें एक फ्लैट, तीन मकान और एक कृषि भूमि शामिल है। इसके अलावा, उनका एक बैंक लॉकर भी मिला है, जिसे खोलने की कार्रवाई सोमवार को की जाएगी। डॉ. अग्रवाल की पत्नी ने बैंक लॉकर खोलने से पहले सहयोग करने से इनकार करते हुए करवा चौथ का बहाना बनाया था।
“डरिए नहीं, हम आपके साथ हैं” का संदेश
इस हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी के बाद आरोपी डॉक्टर के समर्थक भी उनके घर के बाहर इकट्ठा हो गए। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में साथी डॉक्टरों ने डॉ. अग्रवाल का समर्थन करते हुए कहा, “डरिए नहीं, हम आपके साथ हैं।”
डॉ. अग्रवाल के टेंडरों की जांच शुरू
एसीबी अब डॉ. अग्रवाल के कार्यकाल में जारी सभी टेंडरों की भी विस्तृत जांच करेगी ताकि भ्रष्टाचार के पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके।
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