जैसलमेर में हुए बस हादसे ने पूरे राजस्थान को झकझोर दिया है और इसकी गूंज अब जयपुर की सियासत में भी सुनाई देने लगी है। इस हादसे पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गहरा शोक जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की। गहलोत ने कहा कि यह बेहद दर्दनाक घटना है और इसकी निष्पक्ष व गहराई से जांच होनी चाहिए, ताकि जिम्मेदारों की जवाबदेही तय की जा सके। साथ ही उन्होंने सरकार से सुरक्षा इंतजामों को लेकर गंभीर सवाल भी उठाए।
नई बस में आग और लपटों का तेजी से फैलना जांच का विषय
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हादसे पर गहरा शोक जताते हुए घटना के तकनीकी और सुरक्षा पहलुओं पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 20 लोगों की मौत और कई यात्रियों के झुलसने वाली यह त्रासदी बेहद दर्दनाक है। गहलोत ने पूछा कि आखिर एक नई बस में आग इतनी तेजी से कैसे भड़क गई और कुछ ही मिनटों में पूरे वाहन को कैसे अपनी चपेट में ले लिया? उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि घायलों को जल्द स्वास्थ्य लाभ मिले और शोकग्रस्त परिवारों को इस गहरे दुख को सहने की शक्ति मिले।
बिहार चुनाव से लेकर कन्हैयालाल हत्याकांड तक राजनीतिक सवाल
जैसलमेर बस हादसे पर शोक जताने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की अन्य अहम राजनीतिक हलचलों पर भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि हादसे जैसे संवेदनशील मामलों में सरकार को त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि जनता का भरोसा बना रहे। इसके साथ ही उन्होंने मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर भी अपनी राय जाहिर की और सरकार की जिम्मेदारियों पर सवाल खड़े किए।
1. अंता उपचुनाव और बिहार चुनाव
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी पर अंता विधानसभा उपचुनाव को लेकर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी अब तक अपना प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है, जबकि चुनाव करीब है। तंज कसते हुए गहलोत ने कहा, “क्या अब उनका उम्मीदवार भी हमें ही बताना पड़ेगा?” उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पूरी तरह तैयार है और यह उपचुनाव पार्टी के पक्ष में जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव पर भी भरोसा जताया और कहा कि महागठबंधन समय पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा करेगा।
2. IRCTC मामला और न्याय का समय
आईआरसीटीसी मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर आरोप तय होने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को समान अवसर मिलना चाहिए, लेकिन चुनाव से ठीक पहले अदालत, ईडी और सीबीआई जैसी संस्थाओं का सक्रिय हो जाना कई सवाल खड़े करता है। गहलोत का कहना था कि अगर ये फैसले चुनाव के बाद आते, तो इस पर कोई सवाल नहीं उठता। लेकिन चुनावी माहौल में इस तरह की कार्रवाई पर निष्पक्षता पर संदेह पैदा होता है।
3. कन्हैयालाल हत्याकांड और अमित शाह का दौरा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जयपुर दौरे पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कन्हैयालाल हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री और अमित शाह जयपुर आए थे, तब उन्होंने सवाल उठाया था कि तीन साल बीत जाने के बावजूद इस मामले में कोर्ट का फैसला क्यों नहीं आया। गहलोत ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार के समय इस घटना को सांप्रदायिक रंग देकर झूठा माहौल बनाया गया, जबकि हकीकत यह थी कि उनकी सरकार ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद और न्याय दिलाने की पूरी कोशिश की थी।
4. राइजिंग राजस्थान और निवेश का सच
‘राइजिंग राजस्थान’ कार्यक्रम के तहत सात लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार से जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि अगर इतना बड़ा निवेश वाकई जमीन पर उतर चुका है, तो सरकार को साफ-साफ बताना चाहिए कि किन जगहों पर जमीन आवंटित की गई, कहां मशीनें लगीं और अब तक कितना काम आगे बढ़ा है। गहलोत ने कहा कि निवेश का स्वागत है, लेकिन पारदर्शिता जरूरी है ताकि जनता को हकीकत की पूरी जानकारी मिल सके।


