राजस्थान सरकार ने जैसलमेर बस हादसे के बाद कड़े कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूरे प्रदेश में बस बोर्ड नियमावली के अनुसार बसों की सघन जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस हादसे को अत्यंत हृदयविदारक बताते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए। परिवहन अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि हर बस की जांच नियमों के मुताबिक की जाए और किसी भी प्रकार की कमी तुरंत दूर की जाए।
चूंकि हादसे वाली बस चित्तौड़गढ़ जिले में रजिस्टर्ड थी, इसलिए उस बस की जांच की जिम्मेदारी रखने वाले चित्तौड़गढ़ के DTO सुरेंद्र सिंह गहलोत और सहायक प्रशासनिक अधिकारी चुन्नीलाल को मुख्यमंत्री के आदेश पर निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई उनकी लापरवाही को लेकर की गई है।
डिप्टी मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने प्रदेश में एसी बसों की सुरक्षा जांच के लिए सख्त अभियान शुरू करने की घोषणा की है। इस अभियान में यदि कोई कमी पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिस बस में आग लगी थी, उसमें न तो इमरजेंसी गेट था और न ही फायर फाइटिंग का उचित इंतजाम।
प्रारंभिक जांच में परिवहन विभाग की लापरवाही सामने आई है। परिवहन मंत्री और उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अब किसी भी बस में नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं करेगी। पूरे प्रदेश में सघन जांच अभियान लगातार जारी रहेगा ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

