त्योहारी सीजन में लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने मिलावट पर सख्ती बढ़ा दी है। इसी कड़ी में ‘शुद्ध आहार–मिलावट पर वार’ अभियान के तहत बुधवार रात फूड सेफ्टी विभाग की संयुक्त टीम ने जयपुर ग्रामीण के बस्सी इलाके में कार्रवाई की। टीम ने यहां एक जगह छापा मारकर करीब 3000 किलो मिलावटी मिल्क केक बरामद किया और मौके पर ही नष्ट कर दिया। अधिकारियों के अनुसार इतनी बड़ी मात्रा में मिठाई अगर बाजार में पहुंच जाती, तो दीपावली पर हजारों लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा सकता था।
मिलावटी मिठाइयों पर बड़ी कार्रवाई
फूड सेफ्टी एंड ड्रग कंट्रोलर कमिश्नर डॉ. टी. शुभमंगला के निर्देश पर कमिश्नरेट की सेंट्रल टीम और सीएमएचओ जयपुर द्वितीय की टीम ने बस्सी तहसील में बड़ी कार्रवाई की। अधिकारियों को सूचना मिली थी कि रूपा की नांगल स्थित जैन वाटिका में मैसर्स श्री श्याम फूड प्रोडक्ट्स नाम से मिलावटी मिठाइयों का निर्माण हो रहा है। सूचना के बाद टीम ने मौके पर छापा मारा और मिल्क केक व सोन पापड़ी बनाने की प्रक्रिया पाई। जांच में सामने आया कि यह फैक्ट्री विनोद शर्मा नामक व्यक्ति द्वारा चलाई जा रही थी।
दीपावली से पहले बड़ा भंडाफोड़
जहां मिल्क केक तैयार किया जा रहा था, वह जगह एक मकाननुमा ढांचे में थी और मुख्य गेट पर ताला लगा हुआ था। छापेमारी के दौरान शुरू में संचालक विनोद शर्मा ने टीम को अंदर जाने से रोका, लेकिन अधिकारियों की सख्ती के बाद ताला खुलवाकर अंदर जांच की गई। अंदर का दृश्य देखकर टीम हैरान रह गई—करीब 3000 किलो मिलावटी मिल्क केक तैयार हालत में स्टॉक किया गया था। यह मिठाई दीपावली के लिए सप्लाई में भेजी जानी थी और 5 किलो के करीब 600 डिब्बों में पैक करके रखी गई थी।
मिल्क केक में निकली मिलावट
जांच में खुलासा हुआ कि जिस मिल्क केक को शुद्ध दूध से बना बताकर बेचा जाना था, वह असल में सूजी, रिफाइंड सोयाबीन तेल, लिक्विड ग्लूकोज और मिल्क पाउडर जैसी सस्ती व घटिया सामग्री से तैयार किया जा रहा था। यानी ग्राहकों को मिठाई के नाम पर सीधी मिलावट परोसी जा रही थी। अधिकारियों ने मौके से करीब 2500 किलो कच्चा माल भी जब्त किया, जिसमें यही सामग्री शामिल थी। पूछताछ में पता चला कि दीपावली से पहले इस कच्चे माल से लगभग 5000 किलो और मिलावटी मिल्क केक तैयार कर बाजार में भेजने की तैयारी थी।
जयपुर से सीकर तक फैला धंधा
पूछताछ में संचालक विनोद शर्मा ने माना कि वह पिछले दो साल से मिलावटी मिठाई का कारोबार कर रहा था। उसने बताया कि तैयार मिल्क केक की सप्लाई जयपुर के अलावा सीकर, श्रीमाधोपुर और चौमू जैसे शहरों में भी की जाती थी। वह इस मिलावटी मिठाई को केवल 120 रुपये प्रति किलो के भाव में बेचता था। इतनी कम कीमत से साफ है कि मिठाई सस्ती और घटिया सामग्री से बनाई जा रही थी, जिससे ग्राहकों की सेहत के साथ-साथ उनकी जेब पर भी असर पड़ रहा था।
नमूने लिए गए, 3000 किलो मिलावटी केक मौके पर नष्ट
सेंट्रल टीम के फूड सेफ्टी अधिकारियों ने तुरंत मिलावटी मिल्क केक के नमूने जुटाकर जांच के लिए भेज दिए। वहीं, बाकी बचे करीब 3000 किलो मिलावटी केक को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया, ताकि त्योहार के समय यह लोगों तक न पहुँच सके।
रेड में ये अधिकारी रहे शामिल
अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई त्योहार के मौसम में मिलावटखोरों के लिए सख्त चेतावनी है, जो मुनाफे के लिए लोगों की सेहत से खिलवाड़ करते हैं। इस अभियान में सेंट्रल टीम के फूड सेफ्टी अधिकारी देवेंद्र राणावत और अमित शर्मा के साथ सीएमएचओ जयपुर द्वितीय की टीम के सुशील चोटवानी, विनोद थारवान और राजेश नागर भी शामिल थे।

