राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा-2023 में तीसरी रैंक हासिल करने वाले परमेश्वर चौधरी की कहानी मेहनत, लगन और धैर्य की मिसाल है। अजमेर जिले के किशनगढ़ उपखंड के रलावता गांव के रहने वाले परमेश्वर ने अपनी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया और उन लोगों को भी जवाब दिया, जिन्होंने 2021 में सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती में उनके चयन पर शक जताया था। उनकी इस सफलता ने उनके परिवार और गांव का नाम गर्व के साथ रोशन किया है।
विवादों से जूझकर हासिल की सफलता
परमेश्वर ने बताया कि 2021 में सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में चयन के बाद उनके चरित्र और मेहनत पर सवाल उठाए गए। पड़ोसियों और रिश्तेदारों की तानेबाज़ियों से उनका परिवार भी परेशान हुआ। परमेश्वर कहते हैं कि लोगों ने मुझे शक की नजर से देखा, लेकिन मैंने ठान लिया था कि अपनी मेहनत से अपनी काबिलियत साबित करूंगा। चाहे SI भर्ती हो या RAS, दोनों परीक्षाएं मैंने खुद की मेहनत से पास कीं। उनकी यह लगन और जिद RAS-2023 में तीसरी रैंक हासिल करने के रूप में सामने आई।
साधारण परिवार से असाधारण उपलब्धि
परमेश्वर का परिवार बहुत साधारण है। उनके पिता किसान हैं और मां गृहिणी। परिवार में पहले किसी ने प्रशासनिक सेवा में काम नहीं किया है। परमेश्वर की इस कामयाबी से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरे रलावता गांव को गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने बताया कि 12वीं कक्षा में पढ़ते समय उनके गांव के शिक्षक हरिवल्लभ जी ने उन्हें प्रशासनिक सेवा में जाने की सलाह दी थी। उसी सलाह ने उनके मन में अफसर बनने का सपना जगाया।
शुरुआती संघर्ष और सफलताएं
परमेश्वर ने अपनी मेहनत की शुरुआत 2018 में लैब असिस्टेंट भर्ती परीक्षा में चयन के साथ की। इसके बाद उन्होंने RAS परीक्षा दी, जिसमें प्री और मेंस पास होने के बाद इंटरव्यू में उन्हें 1604वीं रैंक मिली। हार न मानते हुए उन्होंने 2021 में सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा दी और उसमें सफलता पाई। हालांकि, इस भर्ती को लेकर विवाद खड़ा हो गया, जिससे परमेश्वर और उनके परिवार को समाज में तिरस्कार का सामना करना पड़ा।
इसी दौरान परमेश्वर ने RAS-2023 की तैयारी शुरू की। SI भर्ती का मामला कोर्ट में चल रहा था, लेकिन उनका RAS इंटरव्यू तय समय पर हुआ। इंटरव्यू में उनसे स्वच्छ भारत मिशन और केंद्र सरकार के नए कानून जैसे विषयों पर सवाल पूछे गए, जिनका उन्होंने आत्मविश्वास के साथ जवाब दिया। उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने RAS-2023 में तीसरी रैंक हासिल की।
RAS-2024 में भी दिखाया दम
परमेश्वर की मेहनत यहीं खत्म नहीं हुई। उन्होंने RAS-2024 की प्री और मेंस परीक्षा भी पास कर ली है और अब इंटरव्यू की तैयारी कर रहे हैं। वे कहते हैं कि उनका अब लक्ष्य समाज के लिए कुछ उपयोगी करना और ग्रामीण युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रेरित करना है। उनकी यह सोच न सिर्फ उनकी जिम्मेदारी को दर्शाती है, बल्कि ग्रामीण युवाओं के लिए प्रेरणा का भी काम करती है।
विवादित SI भर्ती से RAS तक का सफर
परमेश्वर अकेले नहीं हैं जिन्होंने SI भर्ती-2021 के विवादों के बाद अपनी काबिलियत साबित की। RAS-2023 में कई ऐसे अभ्यर्थियों ने भी शानदार प्रदर्शन किया, जिनका पहले SI भर्ती में चयन हुआ था। इनमें रिछपाल गोदारा (12वीं रैंक), दीपक शेखावत (226वीं रैंक), राजीब दाबीर (227वीं रैंक), मनीष मीणा (306वीं रैंक), रजनीश गुर्जर (404वीं रैंक) और उमा व्यास (1397वीं रैंक) शामिल हैं। इन सभी ने SI भर्ती के साथ-साथ EO/RO परीक्षा में भी सफलता पाई। इन अभ्यर्थियों ने चुनौतियों का डटकर सामना किया और मेहनत से साबित कर दिया कि वे किसी भी विवाद से बड़े हैं।
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