Morpal Suman Nomination : अंता। राजस्थान की बहुचर्चित अंता विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक तापमान लगातार चढ़ता जा रहा है। शनिवार दोपहर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी मोरपाल सुमन (Morpal Suman) ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। इस मौके पर भाजपा सांसद दुष्यंत सिंह, जिलाध्यक्ष नरेश सिकरवार सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उनके साथ मौजूद रहे। भाजपा उम्मीदवार का नामांकन दाखिल होते ही चुनावी मुकाबला अब लगभग साफ हो गया है। यह सीधा मुकाबला भाजपा के मोरपाल सुमन और कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रमोद जैन भाया के बीच होने जा रहा है।
अब तक 7 नामांकन दाखिल
11 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 21 अक्टूबर तक जारी रहेगी। अब तक कुल सात नामांकन दाखिल हो चुके हैं, जिनमें कांग्रेस और भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी शामिल हैं। कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया ने 15 अक्टूबर को विशाल नामांकन रैली निकालते हुए शक्ति प्रदर्शन किया था, वहीं भाजपा ने सादगीपूर्ण तरीके से अपने प्रत्याशी सुमन का नामांकन दाखिल कराया।
स्थानीयता और माली समाज पर भरोसा
भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन माली समाज से आते हैं। पार्टी को उम्मीद है कि सुमन की स्थानीयता, सामाजिक जुड़ाव और ओबीसी वर्ग से आने का लाभ उन्हें मिलेगा। हालांकि, स्थानीय स्तर पर सवर्ण उम्मीदवार की मांग भी उठी थी, लेकिन पार्टी ने जातीय संतुलन और ज़मीनी पकड़ को प्राथमिकता दी।
भाजपा से टिकट मिलने के बाद हुए भावुक
मोरपाल सुमन को भाजपा टिकट मिलने के बाद भावुक होते हुए भी देखा गया। प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद सांसद कार्यालय से निकलकर जब वह संघ कार्यालय पहुंचे, तो वहां जिला उपाध्यक्ष राकेश जैन से गले लगकर रो पड़े। जब राकेश जैन ने भावुकता का कारण पूछा, तो सुमन ने कहा, “ये खुशी के आंसू हैं।”
लंबा संगठनात्मक और राजनीतिक अनुभव
मोरपाल सुमन का भाजपा संगठन में लंबा सफर रहा है। वर्ष 1992 से संगठन में विभिन्न पदों पर सक्रिय रहने के साथ वे आरएसएस से भी जुड़े रहे हैं। 2000 में सरपंच पद से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले सुमन वर्तमान में बारां पंचायत समिति के प्रधान हैं। इसके अलावा वे भाजपा युवा मोर्चा, ओबीसी मोर्चा और जिला महामंत्री जैसे कई पदों पर काम कर चुके हैं। वर्ष 2014 से वे लगातार अंता विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी भी रहे हैं।
मुकाबला होगा कांटे का
भाजपा जहां सुमन की निष्ठा और संगठनात्मक पृष्ठभूमि पर भरोसा जता रही है, वहीं कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया का राजनीतिक अनुभव और क्षेत्र में प्रभाव उन्हें मजबूत बनाता है। ऐसे में अंता उपचुनाव पूरी तरह से प्रतिष्ठा का युद्ध बनता जा रहा है — जो न केवल दोनों पार्टियों के लिए अहम है, बल्कि स्थानीय सामाजिक समीकरणों और नेतृत्व की परीक्षा भी साबित होगा।
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