Anta By-election 2025: बारां। राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। यह सीट अब दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है। कांग्रेस जहां अपने अनुभवी नेता प्रमोद जैन भाया को मैदान में उतारकर जीत की कोशिश में जुटी है, वहीं भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी मोरपाल सुमन को टिकट देकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। अब सियासी गलियारों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि क्या अशोक गहलोत और सचिन पायलट की जोड़ी कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया को चुनावी वैतरणी पार करा सकेगी?
गहलोत-पायलट करेंगे प्रचार
कांग्रेस ने अंता उपचुनाव को लेकर 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इसमें मुख्यमंत्री रह चुके अशोक गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्री टीकाराम जूली, डॉ. सीपी जोशी, अशोक चांदना, जितेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, मोहन प्रकाश, धीरज गुर्जर, दिव्या मदेरणा, शांति धारीवाल, रामलाल जाट, अर्जुन सिंह बामनिया, हरिमोहन शर्मा, मुरारीलाल मीणा, भजनलाल जाटव, उम्मेदाराम बेनीवाल और रामकेश मीणा जैसे नेता शामिल हैं। इस सूची के जरिए कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह अंता सीट को हल्के में नहीं ले रही, और पूरे दमखम के साथ मैदान में है।
वसुंधरा राजे की भी प्रतिष्ठा दांव पर
भाजपा की ओर से प्रत्याशी चयन को लेकर अंत तक असमंजस बना रहा, लेकिन अंततः पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी मोरपाल सुमन को टिकट मिला। यह फैसला बताता है कि राजे की पार्टी में पकड़ अब भी कायम है, लेकिन अब इस सीट पर जीत हासिल करना उनकी साख का भी सवाल बन गया है।
त्रिकोणीय मुकाबले में जातीय समीकरण
अंता सीट पर अब मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। कांग्रेस से प्रमोद जैन भाया, भाजपा से मोरपाल सुमन और निर्दलीय से नरेश मीणा, जो अपने समाज के वोटों पर भरोसा कर मैदान में हैं। यह सीट जातिगत समीकरणों के चलते बेहद रोचक मानी जा रही है।
चार प्रमुख जातियां बनाएंगी जीत की राह
- माली समाज – करीब 45,000 वोटर
- अनुसूचित जाति (SC) – करीब 35,000 वोटर
- मीणा समाज – लगभग 32,000 वोटर
- मुस्लिम मतदाता – करीब 25,000 वोटर
भाजपा को जहां माली और शहरी वोटों का परंपरागत समर्थन मिलता रहा है, वहीं कांग्रेस को एससी और मीणा समाज का भरोसा रहा है। निर्दलीय नरेश मीणा, मीणा वोटों में सेंधमारी की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
क्या कांग्रेस की गहलोत-पायलट जोड़ी दिला पाएगी जीत?
प्रमोद जैन भाया कांग्रेस के लिए अनुभवी और जमीनी नेता माने जाते हैं, लेकिन इस बार उन्हें भाजपा के संगठित तंत्र और वसुंधरा राजे के समर्थन से चुनौती मिल रही है। अब सबकी निगाह इस पर है कि क्या गहलोत और पायलट की जोड़ी भाया की नैया पार लगा पाएगी, या फिर भाजपा अंता में बढ़त बनाएगी। इस उपचुनाव में चुनावी प्रचार, जातीय समीकरण और नेताओं की व्यक्तिगत साख तीनों मिलकर परिणाम तय करेंगे। चुनाव प्रचार के अगले चरण में दोनों दलों की रणनीतियां और भी स्पष्ट होंगी।
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