बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के नामांकन प्रक्रिया का अंतिम दिन कल है, लेकिन प्रदेश के सक्रिय क्षेत्रीय दलों में से कोई भी अभी तक इस उपचुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। ऐसे में इस बार अंता विधानसभा सीट पर भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवारों के बीच ही मुकाबला होगा।
क्षेत्रीय दलों का उपचुनाव से किनारा
अंता विधानसभा उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रीय लोकदल, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, माकपा और भारत आदिवासी पार्टी जैसे प्रमुख क्षेत्रीय दलों ने चुनावी लड़ाई से दूरी बनाई हुई है। इन दलों ने फिलहाल इस सीट पर चुनाव न लड़ने का मन बनाया है।
बसपा ने उपचुनाव से किया साफ इनकार
बसपा के प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा कि पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर उपचुनाव में उम्मीदवार न उतारने का फार्मूला तय किया है, इसलिए बसपा कभी उपचुनाव नहीं लड़ती।
राष्ट्रीय लोकदल ने भी प्रत्याशी नहीं उतारा
राष्ट्रीय लोकदल भी पहले अंता उपचुनाव में भाग लेने का मन बना रहा था। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को नाम भेजे जाने की चर्चा थी, लेकिन बाद में पार्टी ने अपना प्रत्याशी न उतारने का फैसला लिया है। प्रदेशाध्यक्ष जोगिंदर सिंह अवाना ने बताया कि पार्टी जल्द ही उपचुनाव में समर्थन देने वाले प्रत्याशी का फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ करेगी।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का निर्णय 29 अक्टूबर को
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने बताया कि वे 29 अक्टूबर को बीकानेर में एक कार्यक्रम के दौरान उपचुनाव में समर्थन देने वाले उम्मीदवार का ऐलान करेंगे। पार्टी के अन्य नेताओं का कहना है कि संभव है वे निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को बाहरी समर्थन दें।
भारत आदिवासी पार्टी की स्थिति भी वेट एंड वॉच
भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने अभी तक किसी प्रत्याशी या दल को समर्थन नहीं दिया है। पार्टी की बैठक के बाद ही फैसला लिया जाएगा कि किसे समर्थन दिया जाएगा।
प्रदेश के क्षेत्रीय दलों का हाल
प्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा क्षेत्रीय दल सक्रिय हैं, जिनमें से कुछ की विधानसभा और लोकसभा में उपस्थिति है। सुभाष गर्ग दूसरी बार भरतपुर से दूसरी बार लोकदल के टिकट पर विधायक बने हैं। हनुमान बेनीवाल की रालोपा पार्टी नागौर से सांसद है और 2023 में साल में उनकी पार्टी के कई विधायक चुने गए थे। बसपा के वर्तमान में दो विधायक हैं, जबकि माकपा और बीएपी की भी विधानसभा व लोकसभा में प्रतिनिधित्व है।
कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी
इस उपचुनाव में कांग्रेस ने प्रमोद जैन भाया को फिर से प्रत्याशी बनाया है, जो चौथी बार चुनाव मैदान में हैं। वे दो बार विधायक रह चुके हैं और 2023 में चुनाव हार गए थे। वहीं, भाजपा ने इस बार नए चेहरे मोरपाल सुमन पर दांव लगाया है। देवली उनियारा विधानसभा सीट के उपचुनाव में हार चुके कांग्रेस के बागी नेता नरेश मीणा इस बार अंता सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि अंता विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान 11 अक्टूबर को होगा।
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