Rajasthan By Election 2025: राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में सियासी तापमान तेजी से बढ़ रहा है। जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, त्रिकोणीय मुकाबला और भी रोचक होता जा रहा है। इस मुकाबले में अब कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर नहीं, बल्कि निर्दलीय नरेश मीणा की एंट्री ने समीकरण पूरी तरह बदल दिए हैं।
नरेश मीणा बने कांग्रेस की राह में रोड़ा?
कभी कांग्रेस से जुड़े रहे नरेश मीणा अब बतौर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। उनके इस फैसले ने कांग्रेस खेमे की चिंता बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि नरेश मीणा कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक, खासकर एसटी और एससी वर्ग में सीधा असर डाल सकते हैं।
देवली-उनियारा उपचुनाव जैसी स्थिति!
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो पिछले साल देवली-उनियारा उपचुनाव में भी नरेश मीणा ने 60,000 वोट लेकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था। वहां भी उन्हें हार का एक बड़ा कारण माना गया। अब अंता में भी वही स्थिति बनती दिख रही है।
टीकाराम जूली का बयान: नरेश मीणा से होगा असर
टीकाराम जूली ने भी एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान बड़ा बयान दिया। उन्होंने माना कि नरेश मीणा की मौजूदगी से कांग्रेस को कुछ हद तक नुकसान हो सकता है। हालांकि उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया, जो काफी अनुभवी हैं, जीत दर्ज करेंगे।
अंता में चार जातियां बनेंगी किंगमेकर
| जाति वर्ग | अनुमानित मतदाता संख्या |
| माली समाज | 45,000+ |
| अनुसूचित जाति (SC) | 35,000+ |
| मीणा समाज (ST) | 32,000+ |
| मुस्लिम समाज | 25,000+ |
जातिगत समीकरणों पर टिकी सियासी चालें
बीजेपी ने जहां माली समाज के मोर पाल पर भरोसा जताया है, वहीं कांग्रेस ने प्रमोद जैन भाया को मैदान में उतारा है। नरेश मीणा, अपने समाज के प्रभाव और वोट संख्या को आधार बनाकर तीसरा मोर्चा मजबूत कर रहे हैं।
चुनावी गणित में उलझन बढ़ी
त्रिकोणीय मुकाबले के बीच वोटों का बंटवारा लगभग तय माना जा रहा है। ऐसे में यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि नरेश मीणा किसके वोट काटेंगे, और इससे किसे फायदा और किसे नुकसान होगा।
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