राजस्थान पेट्रो जोन (RPZ) पचपदरा में नए उद्योगों के लिए भूखंड आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (HRRL) की पचपदरा रिफाइनरी जल्द ही वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने जा रही है, जिससे क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। रिफाइनरी से निकलने वाले डाउनस्ट्रीम उत्पादों का उपयोग सीधे इस औद्योगिक क्षेत्र में कच्चे माल के रूप में किया जाएगा। इससे उद्योगों को किफायती दरों पर फीडस्टॉक और सप्लाई चेन की बेहतर सुविधा मिलेगी। व्यवसायिक संभावनाओं को देखते हुए रीको ने पेट्रो जोन में भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया औपचारिक रूप से प्रारंभ कर दी है।
200 करोड़ रुपए का आएगा निवेश
प्रत्यक्ष आवंटन योजना-2025 के तहत रीको ने पॉलिमर आधारित इकाइयों को 11 भूखंडों के ऑफर लेटर जारी किए हैं। इससे करीब 65 करोड़ रुपये का निवेश क्षेत्र में आने की उम्मीद है। वहीं, ‘राइजिंग राजस्थान’ फ्रेमवर्क के तहत 25 उद्यमी राज्य सरकार के साथ एमओयू कर चुके हैं और अब पेट्रोकेमिकल व प्लास्टिक उद्योग स्थापित करने की तैयारी में हैं। इन प्रस्तावित उद्योगों से लगभग 200 करोड़ रुपये का निवेश आने के साथ-साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलने की संभावना है।
राजस्थान पहले से ही देश के पेट्रोलियम, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस उत्पादन में अग्रणी रहा है। अब पचपदरा के पेट्रो जोन के जरिए राज्य पेट्रोकेमिकल और प्लास्टिक निर्माण के क्षेत्र में भी नई पहचान बना रहा है। तकनीकी रूप से सक्षम लेकिन सीमित पूंजी वाले उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए रीको ने ‘प्लग एंड प्ले’ फैक्ट्री शेड्स के निर्माण की पहल की है। करीब 3 करोड़ रुपये प्रति यूनिट लागत से यहां 8 आधुनिक शेड्स बनाए जा रहे हैं। इन सुविधाओं के माध्यम से छोटे और तकनीकी उद्यमी आसानी से उत्पादन शुरू कर सकेंगे और रिफाइनरी से जुड़ी सप्लाई चेन का सीधा लाभ उठा पाएंगे।
RPZ से जोड़ा जाएगा एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे
आरपीजेड (राजस्थान पेट्रो जोन) का स्थान औद्योगिक दृष्टि से बेहद रणनीतिक है। इसे अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे-25 से जोड़ा गया है, जबकि यह एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी से मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह निकटता निवेशकों के लिए बड़ा लाभ साबित होगी। यहां प्लास्टिक, पॉलिमर प्रोसेसिंग, रबर, पीयू निर्माण, टेक्निकल टेक्सटाइल, रसायन और फार्मा जैसे आधुनिक उद्योगों के लिए विशाल संभावनाएं खुली हैं। इस औद्योगिक क्षेत्र में प्रोपलीन, बेंजीन, टोल्यून, ब्यूटाडाइन, LLDPE और HDPE जैसे प्रमुख फीडस्टॉक का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाएगा।
इस नए औद्योगिक मॉडल की सबसे खास बात यह है कि रिफाइनरी से निकलने वाले डाउनस्ट्रीम उत्पाद यहीं पर उच्च स्तर पर प्रोसेस और उपयोग किए जाएंगे। इससे न सिर्फ उद्योगों को, बल्कि रिफाइनरी को भी लॉजिस्टिक्स में समय और लागत की बड़ी बचत होगी। पेट्रो जोन के विकास से राजस्थान पेट्रोकेमिकल उद्योग में देश में प्रतिस्पर्धा में मजबूत बढ़त हासिल करने के काबिल होगा।
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