Princess of Bikaner Rajyashree Kumari: बीकानेर के पूर्व राजपरिवार में इन दिनों संपत्ति को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। यह विवाद पूर्व महाराजा करणी सिंह की बेटी राज्यश्री कुमारी और उनकी भतीजी, भाजपा विधायक सिद्धि कुमारी के बीच चल रहा है। मामला इस समय न्यायालय में विचाराधीन है।
बीकानेर रियासत का इतिहास
15 अगस्त 1947 को देश की आज़ादी के बाद रियासतों के एकीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई थी। बीकानेर रियासत के तत्कालीन महाराजा सादुल सिंह ने सबसे पहले विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके बाद अन्य रियासतों ने भी भारत में सम्मिलित होने की सहमति दी। सादुल सिंह के पुत्र करणी सिंह को बाद में बीकानेर का अंतिम शासक माना गया।
राज्यश्री कुमारी – खेल जगत की चमकती हस्ती
राज्यश्री कुमारी का जन्म 4 जून 1953 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने नई दिल्ली के जीसस एंड मैरी कॉन्वेंट और लेडी श्रीराम कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की। वे भारत की जानी-मानी निशानेबाज (Shooter) रही हैं और उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व पांच ओलंपिक और कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में किया। 1962 में काहिरा विश्व निशानेबाजी चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था। वर्ष 1969 में उन्हें भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1967 में टोक्यो में आयोजित एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप में वे पहली भारतीय महिला शूटर के रूप में शामिल हुईं।
संपत्ति विवाद का कारण
तीन वर्ष पहले करणी सिंह की पत्नी सुशीला कुमारी का निधन हो गया था। उनके निधन के बाद परिवार की संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हुआ। सिद्धि कुमारी का दावा है कि उनकी दादी ने अपनी संपत्ति उनके नाम वसीयत (Will) के माध्यम से कर दी थी। वहीं, राज्यश्री कुमारी का कहना है कि वे भी अपनी मां की संपत्ति पर समान अधिकार रखती हैं और उन्होंने वसीयत को सार्वजनिक करने की मांग की है।
संपत्ति का विवरण
2018 के विधानसभा चुनाव में सिद्धि कुमारी ने अपनी संपत्ति ₹8.89 करोड़ बताई थी, जबकि 2023 के चुनाव में उन्होंने खुद को ₹102 करोड़ की संपत्ति की मालकिन घोषित किया। यही अंतर विवाद का केंद्र बना हुआ है।
राजपरिवार में तनाव
राज्यश्री कुमारी के एक पुत्री और एक पुत्र हैं। पुत्र का नाम डॉ. सज्जन सिंह गोहिल और पुत्री का नाम अनुपमा कुमारी है। राज्यश्री कुमारी ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनके पति मयूरध्वज सिंह गोहिल से उनका 1996 में तलाक हो चुका है। अब वे किसी की पत्नी नहीं हैं। वहीं सिद्धि कुमारी, जो वर्तमान में बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की विधायक हैं, अपनी दादी की वसीयत को कानूनी रूप से सही बता रही हैं। दोनों पक्षों के दावे को लेकर मामला अदालत में विचाराधीन है। बीकानेर का यह चर्चित विवाद एक बार फिर राजस्थान के पूर्व राजघरानों को सुर्खियों में ले आया है।
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