Jaisalmer Mahagujraj Exercise: 30 अक्टूबर से 11 नवंबर तक भारत-पाक सीमा पर त्रि-सेना अभ्यास ‘महागुजराज’ आयोजित किया जाएगा। इस अभ्यास में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना अपनी संयुक्त ताकत का प्रदर्शन करेंगी। अधिकारियों ने बताया कि यह अभ्यास तीनों सेनाओं की युद्ध प्रणाली और नई तकनीक की क्षमता को परखने के लिए किया जा रहा है।
सुरक्षा के मद्देनज़र NOTAM जारी
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए NOTAM जारी किया गया है। इसके तहत जैसलमेर और आसपास के एयरस्पेस में हाई-अलर्ट लागू किया गया है। सभी नागरिक और वाणिज्यिक उड़ानों को विशेष सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है। अधिकारियों ने कहा कि यह कदम ड्रोन और मिसाइल परीक्षण के दौरान किसी दुर्घटना को रोकने के लिए जरूरी है।
30,000 जवान करेंगे नई तकनीक का परीक्षण
इस अभ्यास में करीब 30,000 जवान हिस्सा लेंगे। ये जवान ड्रोन, मिसाइल और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर जैसी हाई-टेक युद्ध तकनीक का परीक्षण करेंगे। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान हुए ड्रोन हमलों के बाद सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया गया है।
त्रि-सेना का सामंजस्य और युद्ध प्रणाली की जांच
अभ्यास में तीनों सेनाएं मिलकर विभिन्न युद्ध प्रणालियों और रणनीतियों का परीक्षण करेंगी। इसमें ड्रोन हमले, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर, मिसाइल परीक्षण और अन्य आधुनिक तकनीक शामिल हैं। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह अभ्यास केवल तैयारी और सुरक्षा के लिए है, ताकि किसी वास्तविक संघर्ष की स्थिति में सेना की तत्परता और बढ़ सके।
पर्यावरण और नागरिक सुरक्षा पर विशेष ध्यान
अभ्यास के दौरान स्थानीय प्रशासन और नागरिक सुरक्षा विभाग भी पूरी सतर्कता बरतेंगे। NOTAM और अन्य सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करेंगे कि आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा या खतरा न हो। सैन्य अधिकारियों ने आम लोगों को सतर्क और सावधान रहने की सलाह दी है।
भारत-पाक सीमा पर सुरक्षा का संदेश
त्रि-सेना अभ्यास ‘महागुजराज’ भारत की रक्षा ताकत और नई तकनीक की क्षमता को प्रदर्शित करने वाला महत्वपूर्ण आयोजन है। यह न केवल सेना की तत्परता को बढ़ाएगा, बल्कि भारत-पाक सीमा पर सुरक्षा और सतर्कता का स्पष्ट संदेश भी देगा।
यह भी पढ़ें: अपने ही किले में नहीं घुस पाईं बीकानेर की राजकुमारी! जानें कौन हैं वो?


