Rajasthan SIR Process: राजस्थान में आज से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सोमवार 27 अक्टूबर को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने देश के 12 राज्यों में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण की घोषणा की थी, जिनमें राजस्थान भी शामिल है। इसके बाद सोमवार रात 12 बजे से मतदाता सूची को “फ्रीज” कर दिया गया और मंगलवार, 28 अक्टूबर से नामों के अद्यतन का काम शुरू हो गया।
70 प्रतिशत मतदाताओं का डेटा पहले ही मिल चुका
राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि अब तक 70.55% मतदाताओं के नामों का मिलान हो चुका है। यानी इन मतदाताओं को किसी प्रकार का दस्तावेज़ जमा नहीं करना होगा। 27 अक्टूबर तक प्रदेश में कुल 5 करोड़ 48 लाख 84 हजार 570 मतदाता पंजीकृत हैं।
महाजन ने कहा कि बिहार की तरह भ्रम की स्थिति न बने, इसलिए उसी दिन यह स्पष्ट कर दिया गया कि जिन 70% नामों का मिलान हो गया है, उन्हें किसी दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी।
बीएलओ घर-घर जाकर करेंगे एन्यूमरेशन
मतदाता सूची अद्यतन के लिए बीएलओ (BLO) घर-घर जाकर एन्यूमरेशन फॉर्म (EF) भरवा रहे हैं। यदि कोई परिवार तीन बार मिलने के बाद भी नहीं मिलता, तो बीएलओ घर पर नोटिस चस्पा कर फॉर्म डाल देगा। अब यह फॉर्म ऑनलाइन भी भरा जा सकेगा। हर फॉर्म का एक अद्वितीय क्यूआर कोड होगा, जिससे मृत, प्रवासी या डुप्लिकेट मतदाताओं की पहचान संभव होगी।
दिन तक चलेगा दस्तावेज़-मुक्त चरण
ड्राफ्ट सूची तैयार होने से पहले पहला 31 दिन का चरण दस्तावेज़-मुक्त रहेगा। इस दौरान सिर्फ फॉर्म लिए जाएंगे, दस्तावेज़ नहीं। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में वे सभी शामिल होंगे जिन्होंने फॉर्म भरे हैं। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
डुप्लिकेट नामों पर सख्ती
ड्राफ्ट लिस्ट से अनुपस्थित, मृत या दोहरी प्रविष्टि वाले नाम हटाए जाएंगे। हटाए गए नामों की सूची वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाएगी। किसी व्यक्ति का नाम दो स्थानों पर पाए जाने पर एक वर्ष तक की सजा का प्रावधान है।
अपील की पूरी व्यवस्था
यदि कोई व्यक्ति ईआरओ (ERO) के निर्णय से असंतुष्ट है तो वह कलेक्टर के समक्ष अपील कर सकता है, और अंतिम अपील मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास की जा सकेगी।
महाजन ने बताया कि अब सभी राज्यों की मतदाता सूचियां ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जिससे सीमावर्ती या प्रवासी मतदाताओं का सटीक मिलान हो सकेगा। यहां तक कि घुमंतू परिवारों तक भी फॉर्म पहुंचाने की तैयारी की गई है ताकि कोई भी पात्र नागरिक वोटर लिस्ट से बाहर न रहे।
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