जैसलमेर जिले के थईयात गांव के पास हुए दर्दनाक बस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है। हादसे में घायल एक और व्यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
बताया जा रहा है कि इस व्यक्ति का पूरा परिवार—पत्नी, तीन बच्चे और साली—इस हादसे में पहले ही जान गंवा चुका था। पूरे क्षेत्र में इस हादसे को लेकर गम का माहौल है।
परिजनों के अनुसार, 14 अक्टूबर को हुए बस हादसे में जैसलमेर के भंबोरों की ढाणी निवासी 40 वर्षीय पीर मोहम्मद गंभीर रूप से झुलस गया था।
उसे पहले महात्मा गांधी अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया था, लेकिन हालत में सुधार न होने पर परिजन कुछ दिन पहले उसे इलाज के लिए अहमदाबाद ले गए थे।
इसके बाद पीर मोहम्मद को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई पूरी कर शव परिजनों को सौंप दिया। बाद में गांव में धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया।
बेटा-बेटी जिंदा जले थे, चार की बाद में मौत हुई
पीर मोहम्मद, जो मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करता था, अपनी पत्नी इमामन, साली भगा बानो, बेटे इरफान और युनूस तथा बेटी हसीना के साथ निजी स्लीपर बस से जैसलमेर से गांव लौट रहा था। थईयात गांव के पास बस में आग लग गई, जिसमें उसका पूरा परिवार झुलस गया।
बेटे इरफान और बेटी हसीना की मौके पर ही मौत हो गई थी, जिनकी पहचान डीएनए जांच से हुई। जबकि पत्नी इमामन, साली भगा बानो और छोटा बेटा युनूस ने बाद में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
एक परिवार के पांच सदस्यों की पहले ही मौत
इस दर्दनाक हादसे में सेतरावा के रहने वाले महेंद्र मेघवाल, उनकी पत्नी और तीन बच्चों की भी मौत हो गई थी। ये सभी आग में जिंदा जल गए थे, जिनकी पहचान डीएनए जांच के जरिए की गई थी।
अब पीर मोहम्मद की मौत के साथ ही एक और परिवार पूरी तरह उजड़ गया। हादसे में पीर मोहम्मद की साली की भी पहले ही मौत हो चुकी है।
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