SIR in Rajasthan: बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान मचे विवाद से सबक लेते हुए, राजस्थान ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही बड़ा कदम उठाया है। राज्य निर्वाचन विभाग ने मौजूदा मतदाता सूचियों का साल 2002 की वोटर लिस्ट से मिलान पूरा कर लिया है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि प्रदेश के 5.47 करोड़ से अधिक मतदाताओं में से 70.55 प्रतिशत मतदाताओं के नाम 2002 की सूची में पहले से मौजूद हैं। इन मतदाताओं को अब किसी भी प्रकार के दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं करने होंगे।
राजस्थान बना SIR में सबसे आगे वाला राज्य
महाजन के मुताबिक, राजस्थान ने यह प्रक्रिया बिहार की गलतियों से बचने के लिए पहले ही शुरू कर दी थी। सोमवार को मतदाता सूची फ्रीज़ होने से पहले तक 70% से अधिक नामों का मिलान हो चुका था। वहीं, मतदाता सूचियों की राष्ट्रीय स्तर पर तुलना में राजस्थान 49.37% मैपिंग के साथ 12 राज्यों में सबसे आगे है। इसके मुकाबले, गुजरात में यह आंकड़ा सिर्फ 5.73% है।
अब होगा बाहरी मतदाता सूचियों से क्रॉस-मिलान
अब मतदाताओं का डेटा अन्य राज्यों की सूचियों से मिलाया जाएगा ताकि उन लोगों की पहचान हो सके जो 2002 में किसी अन्य राज्य में वोटर थे और अब राजस्थान में रह रहे हैं। ऐसे मामलों में दस्तावेज़ सत्यापन के लिए नोटिस जारी होंगे। जानबूझकर दो जगह नाम रखने पर एक साल की सजा का प्रावधान है।
बीएलओ से लेकर कलेक्टर तक तबादलों पर रोक
SIR प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बीएलओ से लेकर कलेक्टर स्तर तक सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों पर पाबंदी लगा दी गई है। अब केवल निर्वाचन आयोग की अनुमति से ही कोई तबादला संभव होगा।
हर घर पहुंचेगा बीएलओ, तीन बार देगा मौका
मतदाता सूची अपडेट करने के लिए बीएलओ हर घर तीन बार जाएगा। अगर कोई घर खाली मिलता है, तो बीएलओ नोटिस चस्पा कर फॉर्म छोड़ जाएगा। हर फॉर्म पर क्यूआर कोड होगा और इसे ऑनलाइन भी भरा जा सकेगा। 9 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होगी, जिसमें मृत, बाहर जा चुके या दो जगह नाम वाले मतदाता हटाए जाएंगे।
अंता विधानसभा को छोड़कर पूरे प्रदेश में SIR लागू
राजस्थान के 199 विधानसभा क्षेत्रों में SIR प्रक्रिया होगी, केवल अंता उपचुनाव क्षेत्र को इससे बाहर रखा गया है। जब पत्रकारों ने पूछा कि चुनाव वाले राज्यों को SIR से बाहर रखा गया है, फिर राजस्थान ने आयोग को जानकारी क्यों नहीं दी, तो मुख्य निर्वाचन अधिकारी महाजन ने स्पष्ट कहा “हमसे चुनाव के बारे में पूछा ही नहीं गया।”
यह भी पढ़ें: काउंटडाउन शुरू! कांग्रेस के बाद बीजेपी का काफिला पहुंचा अंता…होटल-रिसोर्ट फुल


