पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आज देश में स्थिति यह हो गई है कि सरकार अब आलोचना सुनने का माद्दा ही खो चुकी है। गहलोत बोले — “आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है। लेकिन मौजूदा सरकार के पास अब उसे स्वीकार करने की क्षमता नहीं बची है।”
गहलोत का चुनावी तंज
पूर्व मुख्यमंत्री ने चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “चुनाव जीतना जितना जरूरी है, उससे ज्यादा जरूरी है चुनाव को निष्पक्ष तरीके से कराना। महाराष्ट्र में क्या हुआ, दिल्ली में क्या हुआ सबने देखा है। लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत निष्पक्षता है और अगर वही खत्म हो जाए तो लोकतंत्र का अर्थ ही खत्म हो जाएगा।
किसानों के मुआवजे पर सरकार को घेरा
गहलोत ने किसानों की फसल खराबी और मुआवजा न मिलने के मुद्दे पर भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को कई बार पत्र लिख चुका हूं, बार-बार याद दिलाई है, लेकिन किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला। फसलें बर्बाद हो गईं, नुकसान बहुत बड़ा हुआ फिर भी गिरदावरी समय पर नहीं कराई गई यह सरकार की जिम्मेदारी है
किसानों की परेशानी दोगुनी हुई
गहलोत ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि किसानों की आमदनी दोगुनी करेंगे, लेकिन हकीकत यह है कि जिनकी फसलें नष्ट हो गईं, उन्हें मुआवजा तक नहीं मिल पा रहा है। आज किसान सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है।”
यह भी पढ़ें: स्कूल भवन की जर्जर हालत पर मंत्री से लेकर कोर्ट तक, सरकार बुरी तरह घिरी! झालावाड़ हादसे से सबक क्या लिया?

