Rajasthan Crime News: सीकर। शेखावाटी अंचल में बदमाशों का नया रूप-परिवर्तन सामने आया है। कई वारदातों के बाद अपराधी खुद को महिलाओं के कपड़े, मेकअप और दुपट्टों में छिपा लेते हैं ताकि पुलिस और आम लोगों की नजरों से बच सकें। इस चौंकाने वाले ट्रेंड के ताज़ा किस्से में लक्ष्मणगढ़ पुलिस ने टोल-प्लाज़ा कर्मचारियों से मारपीट और लूट के आरोपित नेहरा उर्फ़ रावण उर्फ़ निशु को फिल्मी अंदाज़ में गिरफ्तार किया। वह एक खंडहर में महिला भेष में बैठा हुआ मिला।
कैसे हुआ खुलासा
पुलिस और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 21 अक्टूबर की दोपहर लगभग 3 बजे भूमा टोल प्लाज़ा पर रावण, अनुज बादूसर, मोनू गाड़ोदा व अन्य ने राजेंद्र सिंह और टोल स्टाफ पर हमला किया। आरोप है कि सिर्फ मारपीट ही नहीं हुई बल्कि राजेंद्र की जेब से 15,000 रुपए और गले की सोने की चेन भी छीन ली गयी।
रिपोर्ट दर्ज होते ही जिला-विशेष टीमें तलाश में जुटीं। सूचना मिली कि मुख्य आरोपित अपनी पहचान छिपाने के लिए महिला का भेष धारण कर रहा है। लक्ष्मणगढ़ पुलिस जब उस खंडहर पर पहुंची तो दुपट्टा ओढ़े, काजल लगी और पर्स लिये एक ‘महिला’ संदिग्ध बैठी मिली — पर पूछताछ में पसीना फूट गया और असल पहचान रावण के रूप में उजागर हो गयी। डीवाईएसपी दिलीप कुमार मीणा ने बताया कि गिरफ्तारी में कांस्टेबल अशोक और कांस्टेबल विद्याधर का अहम योगदान रहा।
‘नकली भाभी गैंग‘ — यह पहली घटना नहीं
यह पहला मामला नहीं है — कुछ ही दिनों पहले चिड़ावा क्षेत्र से भी चोरी के एक आरोपी को महिला भेष में छिपा हुआ पकड़ा गया था। तब भी स्थानीयों ने पकड़े गए ‘चुन्नीधारी बदमाश’ की तस्वीरें खींचीं और उनका जुलूस सा बन गया। स्थानीय लोग कह रहे हैं — “बदमाश अब सिर्फ वारदात ही नहीं कर रहे, वे उसे अभिनय बना कर कर रहे हैं।”
पुलिस की सख्ती और आगाहियाँ
डीवाईएसपी दिलीप कुमार मीणा ने बताया कि पुलिस को पुख्ता सूचना मिली थी कि टोल प्लाजा मारपीट और लूट के मुख्य आरोपी रावण ने अपनी पहचान बदलकर महिला का भेष बना लिया है और इलाके में घूम रहा है। सूचना मिलते ही विशेष टीम सक्रिय हुई और इलाके में गश्त बढ़ाई गई। तलाश के दौरान पुलिस को एक खंडहर में दुपट्टा ओढ़े बैठी एक ‘महिला’ संदिग्ध दिखाई दी। शक गहरा होने पर जब उससे पूछताछ शुरू हुई तो गर्मी और टेंशन में काजल बहा, आवाज लड़खड़ाई और कुछ ही सेकंड में उसका असली चेहरा सामने आ गया— वह कोई महिला नहीं बल्कि रावण ही था।
फिल्मी अंदाज में हुआ यह भंडाफोड़ पुलिस की सूझबूझ और चौकसी का नतीजा रहा। इस ऑपरेशन में जिला विशेष टीम के कांस्टेबल अशोक और कांस्टेबल विद्याधर की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पुलिस अब उसके साथियों की तलाश में दबिश दे रही है और इलाके में अतिरिक्त निगरानी भी बढ़ा दी गई है।
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